लागत घटाने के लिए एयर इंडिया ने निकाला यह तरीका
नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया ने लागत कम करने के उद्देश्य से घरेलू मार्गों पर इकोनॉमी श्रेणी के यात्रियों को सिर्फ शाकाहार परोसने का फैसला किया है। एयरलाइंस ने यहां जारी एक बयान में कहा कि एयर इंडिया ने बर्बादी रोकने, लागत कम करने और कैटरिंग सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए घरेलू उड़ानों की इकोनॉमी श्रेणी में मांसाहार नहीं परोसने का फैसला किया है।
एयर इंडिया के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के महानिदेशक जीपी राव ने बताया कि शाकाहार और मांसाहार दोनों का विकल्प होने से खाने की काफी बर्बादी होती थी और इसके बावजूद कभी-कभी सभी यात्रियों को उनकी पसंद का विकल्प उपलब्ध कराने में दिक्कत आती थी। उन्होंने कहा कि यात्रियों के पास टिकट बुकिंग के समय भी अपनी पसंद बताने का विकल्प होता है, लेकिन ऐसा बहुत कम यात्री करते थे, इसलिए बर्बादी रोकने और लागत कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही इससे यात्रियों की शिकायतें भी कम होंगी।
राव ने कहा कि एयर इंडिया लागत कम करने और अपना राजस्व बढ़ाने के हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके साथ ही वह पूंजी जुटाने के लिए परिसंपत्तियों की बिक्री की भी कोशिश में लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि सरकारी विमान सेवा कंपनी इस समय 52 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी हुई है। साथ ही उसका नुकसान भी 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का हो चुका है। (वार्ता)