लखीमपुर खीरी हिंसा पर योगी सरकार का बड़ा ऐलान- मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 45 लाख, एक सदस्य को सरकारी नौकरी, घायलों को 10 लाख, 8 दिन में गिरफ्तार होंगे आरोपी
लखीमपुर खीरी। लखीमपुर में सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने का वादा भी किया गया है। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। हिंसा में घायल हुए लोगों को भी 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।
रविवार को यह घटना तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई थी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कार्यक्रम स्थल पर लाने के लिए जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के दो वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दोनों वाहनों में आग लगा दी।
इस घटना में चार किसानों तथा वाहनों पर सवार चार अन्य लोगों की मौत हो गई। किसान मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है।
प्रियंका का अनशन : तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार तड़के मौके पर जाते वक्त सीतापुर में हिरासत में ली गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसके विरोध में अनशन शुरू कर दिया। प्रियंका तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे।
तभी तड़के करीब पांच बजे रास्ते में सीतापुर में उन्हें हिरासत में ले लिया गया और पीएसी के परिसर में भेज दिया गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर प्रियंका से धक्का-मुक्की का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस महासचिव किसानों का दर्द बांटने जा रही थीं और उन्हें इस तरह से रोका जाना अलोकतांत्रिक है।
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका ने खुद को रोके जाने के विरोध में पीएसी कैंप कार्यालय कक्ष में अनशन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि जब तक नहीं लखीमपुर खीरी नहीं जाने दिया जाएगा तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने प्रियंका को बहुत गंदे कमरे में रखा। कांग्रेस महासचिव ने खुद झाड़ू से कमरे को साफ किया।