हनुमानजी पूरा नारियल निगलकर आधा लौटा देते हैं इस तरह से, अनोखी है मूर्ति
हनुमानजी इस युग के सबसे जागृत देव हैं। वे आज भी सशरीर इस धरती पर उपलब्ध है। हनुमानजी के भारत में हजारों मंदिर हैं लेकिन उनमें से सैंकड़ों मंदिर चमत्कारी भी है। हालांकि हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह वहां की मूर्ति बड़ी ही अनोखी है। आओ जानते हैं कि क्या है इस मूर्ति की खासियत।
कहां है यह मंदिर : गुजरात के बोटाद शहर के पास सारंगपुर में स्थित है यह हनुमान मंदिर। यहां हनुमानजी को मारुति नंदन कहा जाता है।
क्या होता है यहां खास : यहां मारुति नंदन को नारियल अर्पित करने के बजाय उनके मुख में नारियल को अर्पित किया जाता है। मूर्ति के मुख में अर्पित किया गया पूरा नारियल हाथ के रास्ते में आधा निकलकर पुन: भक्त को दे दिया जाता है। मूर्ति नारियल का अर्ध भाग हाथ से भक्त को वापस दे देती है, शेष भाग स्वतः ही हनुमान जी को अर्पित हो जाता है।
मूर्ति की खासियत : यहां की मूर्ति के मुख में एक मशीन लगाई गई है, जो नारियल को 2 भागों में विभक्त करके एक भाग को रखकर दूसरे भाग को अपने हाथ से भक्तों को दे देती है। भीतर रह गया भाग प्रशासन भोग रूप में इसका उपयोग करता है। मंदिर प्रशासन के अनुसार मंदिरों में नारियल तोड़ने के कारण अस्वच्छ रहता है, अतः ऐसी मूर्ति का निर्माण करवाया गया, जिससे भगवान को प्रसाद भी अर्पित हो जाए एवं अस्वच्छता भी न हो।