CEC Rajiv Kumar's statement regarding elections in Jammu and Kashmir : मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी आंतरिक या बाहरी शक्ति को चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आयोग के प्रतिनिधिमंडल की दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर यात्रा खत्म होने के बाद बात करते हुए कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने का पुरजोर समर्थन किया है। पांच अगस्त, 2019 को संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव कराने के लिहाज से यह एक बड़ी कवायद है।
उच्चतम न्यायालय ने 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है, जिसके मद्देजनर कुमार के नेतृत्व में आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया है। कुमार ने कहा, हम जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि लोग विघटनकारी ताकतों को मजबूती से जवाब देंगे। जब भी चुनाव होंगे हम मतदाताओं की भागीदारी में वृद्धि देखेंगे।
चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार एवं एसएस संधू की मौजूदगी में सीईसी ने कहा कि आयोग ने अपनी राज्य स्तरीय समीक्षा पूरी कर ली है और इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में विधानसभा चुनाव कराने का यह सही समय है। विधानसभा चुनाव की तिथि के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, हम पिछले संसदीय चुनावों की सफलताओं को बरकरार रखने के लिए तैयार हैं।
कुमार ने कहा, हम सबसे पहले नई दिल्ली में सुरक्षाबलों की उपलब्धता की समीक्षा करेंगे। उच्चतम न्यायालय की ओर से तय की गई 30 सितंबर की समयसीमा को ध्यान में रखा जाएगा। इसके बाद हम आपको सूचित करेंगे। कुमार ने कहा कि किसी भी राज्य में चुनाव का समय विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, इस साल चार-पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, प्रत्येक की अलग-अलग समय सीमा है और हम उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के साथ ही दिल्ली में सुरक्षा स्थिति और बल की जरूरतों का आकलन किया जाएगा।
सीईसी के नेतृत्व वाली टीम ने अपनी यात्रा के दौरान श्रीनगर में नौ राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस, आप, बसपा, माकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (भीम), और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके विचार जाने।
कुमार ने कहा, ये राज्य में मान्यता प्राप्त दल हैं। सभी दलों ने एक सुर में जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण व ऐतिहासिक संसदीय चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग की सराहना की। उन्होंने कहा, उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े मत प्रतिशत के साथ मतदान होना ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जिसमें कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ा है।
जम्मू-कश्मीर में 2014 से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। साल 2018 में पूर्ववर्ती राज्य की विधानसभा भंग होने के बाद 2019 की शुरुआत में चुनाव होने थे। हालांकि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विभाजित करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद विभिन्न कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं हो पाए, जिनमें से एक कारण परिसीमन था, जो 2022 में पूरा हुआ। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour