देश के विभिन्न हिस्सों से अपने थाला (बड़े भाई) महेंद्र सिंह धोनी को को अंतिम बार Chennai Super Kings चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की जर्सी में देखने के लिए अहमदाबाद पहुंचे प्रशंसकों को रविवार रात निराशा हाथ लगी जब बारिश के कारण Indian Premiere League इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल का आयोजन नहीं हो पाया।फाइनल के लिए रिजर्व दिन रखा गया है और अब यह खिताबी मुकाबला यहां एक लाख 32 हजार दर्शकों की क्षमता वाले नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सोमवार को खेला जाएगा।
प्रशंसकों को रविवार का टिकट दिखाकर फाइनल देखने की स्वीकृति होगी लेकिन खिताबी मुकाबला एक दिन आगे खिसकने से प्रशंसकों का सारा कार्यक्रम चौपट हो गया है।कई प्रशंसकों को सोमवार सुबह होटल खाली करना था जबकि कुछ लोगों ने तो होटल ही बुक नहीं किया था और वे अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पहुंच गए। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर रात कैसे गुजारी इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी देखी जा सकती हैं।
सभी लोग हालांकि इतने भाग्यशाली नहीं हैं कि उन्हें रिजर्व दिन फाइनल देखने का मौका मिले क्योंकि कई लोगों को विभिन्न प्रतिबद्धताओं के कारण वापस लौटना पड़ा।इंदौर के व्यवसायी विकास केडिया उन्हीं दुर्भाग्यशाली लोगों में शामिल हैं। वह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रविवार को फाइनल देखने के लिए कार से अहमदाबाद पहुंचे थे।
केडिया ने बताया, एक बार बारिश शुरू होने के बाद स्थिति काफी मुश्किल हो गई क्योंकि सभी छत के नीचे जाना चाहते थे। साथ में बच्चे होने के कारण दर्शकों की भीड़ के बीच जाने में थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रहा था। स्टैंड में नेटवर्क नहीं थे और इस बात की पूरी संभावना थी कि धक्का-मुक्की के कारण मैं और मेरी पत्नी अपने बच्चों से अलग हो जाते।
काम की प्रतिबद्धताओं के कारण केडिया परिवार को सोमवार को वापस लौटना पड़ा और उनके बच्चों को धोनी की झलक देखने का मौका नहीं मिला।
निराश केडिया ने कहा, जब हम जा रहे थे तो मेरा बड़ा बेटा कार में ही रोने लगा क्योंकि उसे धोनी को देखने का मौका नहीं मिला।
शहर के सिविल अस्पताल में काम करने वाले वडोदरा के डॉ. नीरव चावड़ा हालांकि फाइनल देखे बिना वापस जाने को तैयार नहीं हैं। डॉ. चावड़ा अंतिम दो मुकाबलों क्वालीफायर दो और फाइनल के लिए अहमदाबाद आए थे और अब वह फाइनल देखने के लिए अतिरिक्त दिन रुकेंगे।
उन्होंने कहा, मैं क्वालीफायर से एक दिन पहले यहां आया था और स्टेडियम के काउंटर पर घंटों कतार में खड़े रहने के बाद मुझे टिकट मिले। लेकिन कल मिला-जुला अनुभव रहा, उन्होंने फाइनल का कार्यक्रम बदला है जो मैं चाहता था।
इस दौरान समस्यों के बारे में उन्होंने कहा, स्टेडियम से बाहर निकलना बड़ा मुद्दा था। हमारी कार कीचड़ में फंस गई और हमें धक्का देकर इसे निकालना पड़ा।
डॉ. चावड़ा ने कहा कि वह अपनी छुट्टियां बढ़ाएंगे और फाइनल देखकर जाएंगे।उत्तराखंड की डॉ. अभिलाषा नेगी ने फाइनल के लिए छुट्टी ली थी और उन्हें सोमवार को वापस लौटना था। लेकिन उन्हें अब अपने टिकट दोबारा बुक कराने पड़े। वह मंगलवार सुबह की उड़ान से ही वापस लौट पाएंगी और सीधे सरकारी मेडिकल कॉलेज में अपने काम पर जाएंगी।
डॉ. अभिलाषा ने कहा, मैं भाग्यशाली थी कि मुझे बीजे मेडिकल कॉलेज में रहने के लिए जगह मिली क्योंकि मैं वहां की पूर्व छात्रा हूं। आज मेरी उड़ान थी लेकिन मुझे इसे कल के लिए आगे बढ़ाना होगा। मैंने क्वालीफायर दो और फाइनल के लिए छुट्टी ली थी लेकिन मुझे लगता है कि मुझे हवाई अड्डे से सीधे अस्पताल जाना होगा।
डॉ. अभिलाषा ने कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यह उनके लिए एक भयानक अनुभव था।उन्होंने कहा, सब कुछ गलत हो गया, यह शायद मेरे जीवन का सबसे बुरा दिन था। पहले तो हमें बारिश में 30 मिनट भीगना पड़ा क्योंकि ऊपर (छत के नीचे) नहीं जा रहे थे। हम थोड़े बीमार हो गए, कुछ इलाकों में सीवर का पानी कमर तक था।
डॉ. अभिलाषा ने कहा, मैंने उस गंदे पानी में कुछ लोगों को फिसलते और गिरते देखा, जिनमें एक बूढ़ी महिला भी शामिल थी।उन्होंने कहा कि बारिश में उनका टिकट फट गया और उन्हें नहीं पता कि वह मैच कैसे देखेंगी।
(भाषा)