हारकर भी जीते श्रेयस अय्यर, कप्तान के तौर पर की बस यह एक गलती
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब कोलकाता नाइट राइडर्स की पूरी टीम 128 रनों पर सिमट गई तो ऐसा लगा कि अब मैच बस औपचारिकता है। यह मैच बैंगलोर जीतेगी तो सही लेकिन रन रेट सुधारने का मौका भी बैंगलोर को मिलेगा।
हालांकि बल्लेबाजी में की गई गलतिया श्रेयस अय्यर ने कप्तानी में दूर करने की पूरी कोशिश की। शुरुआत में उन्होंने तेज और स्विंग प्राप्त करने वाले तेज गेंदबाजों को लगाए रखा। इसका नतीजा भी मिला। पिछले मैच के हीरो रहे उमेश यादव और ट्रैंट बोल्ट ने शुरुआती विकेट दिलाए।
इसके बाद भी जब कोई साझेदारी पनपती तो श्रेयस अय्यर गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव करते जिससे टीम को विकेट मिलता। हालांकि बस एक फैसला श्रेयस अय्यर के पक्ष में नहीं गया।
जब 2 ओवर बाकी थे और बैंगलोर की टीम को 17 रन चाहिए थे तो श्रेयस अय्यर ने वैंकटेश को गेंद थमा दी और इस ओवर में वैंकटेश ने 10 रन पड़वा दिए। यह पूरे मैच में वैंकटेश का एकमात्र ओवर था। हालांकि वैंकटेश से ओवर करवाने के पीछे रसेल की महंगी गेंदबाजी थी लेकिन हो सकता था कि यह ओवर में रसैल कुछ कमाल कर देते।
मैच के अंतिम ओवरों में एक ऐसे गेंदबाज को गेंद थमाना जिसने एक भी ओवर नहीं किया यह एक बेवकूफाना फैसला था। कम से कम आंद्रे रसेल का शरीर गर्म था और वह अपनी गेंदबाजी में सुधार कर सकते हैं।
बेंगलुरु के खिलाफ रोमांचक मैच आगामी मैचों में हमारी मानसिकता को दर्शाएगा : अय्यरकोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के कप्तान श्रेयस अय्यर ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ बुधवार को यहां रोमांचक आईपीएल मैच में हार के बाद उन्हें सच में यह मैच रोमांचक लगा।
श्रेयस ने कहा, “ मैदान पर जाने से पहले मैंने अपने खिलाड़ियों से बात की थी और उन्हें बताया था कि यह मैच मैदान पर हमारे चरित्र और रवैये को परिभाषित करने वाला है, चाहे हम स्कोर डिफेंड कर पाएं या नहीं। हम जिस तरह से मैदान पर लड़ाई लड़ेंगे, वह अगले कुछ मैचों में हमारी मानसिकता को दर्शाएगा। जिस तरह से हमने इस मैच को खेला और उसे आखिरी ओवर तक ले गए, उस पर मुझे सच में गर्व है। ”
केकेआर के कप्तान ने कहा, “ उस समय यह सच में मुश्किल था, क्योंकि मैं अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों को उपलब्ध रखना चाहता था और कुछ विकेट जल्दी हासिल करना चाहता था, लेकिन यह काम नहीं किया। बेंगलुरु के बल्लेबाजों की सराहना करता हूं। वे बीच के ओवरों में अच्छा खेले। उन्होंने सबसे मुश्किल दौर को जल्द से जल्द निकाल लिया। अंत में मैंने वेंकटेश अय्यर के साथ जाने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी करने का अच्छा अनुभव है और हमें टूर्नामेंट की शुरुआत में उनका समर्थन करने की जरूरत है। यह सच में महत्वपूर्ण है कि वे जल्द से जल्द आत्मविश्वास हासिल करें और इसे पाने के लिए यह सबसे अच्छे मैचों में से एक था। ”