यह ऐसा आईपीएल रहा है जिसमें अनुभवी कप्तानों की टीम निचले पायदान पर रही है और नए कप्तानों की टीमों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। अगर फाइनल में पहुंची दोनों टीमों पर नजर डालें तो उनके कप्तानों में अनुभव की कमी थी लेकिन युवा खिलाड़ियों को कप्तानी सौंपने का निर्णय फ्रैंचाइजी के हक में गया और आज गुजरात और राजस्थान फाइनल में पहुंच गई है। दिलचस्प बात यह थी कि आईपीएल 2022 के शुरु होने से पहले दोनों ही टीम इंडिया का अभिन्न हिस्सा नहीं थे।
संजू सैमसन का कप्तानी का दूसरा सत्रसाल 2020 में दोयम दर्ज के प्रदर्शन से त्रस्त होकर टीम ने स्टीव स्मिथ को रीलीज कर के संजू सैमसन के हाथ में कप्तानी सौंपी। हालांकि पिछला साल संजू के लिए निराशाजनक रहा और टीम प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई लेकिन इस साल मेगा नीलामी में काफी कुछ समीकरण बदल गए। संजू सैमसन को टीम ने 14 करोड़ में रीटेन किया।
टीम के पास कुछ नए और अनुभवी चेहरे आए। देवदत्त पड्डीकल, युजवेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा को टीम में शामिल किया गया। वहीं ट्रेंट बोल्ट और शिमरन हिटमायर जैसे खिलाड़ियों को अपने खेमें में शामिल किया।
बेहतर खिलाड़ियों के होते हुए संजू सैमसन की कप्तानी में भी फर्क दिखा। वह बढ़िया खिलाड़ियों की कमी की वजह से नतीजे नहीं दे पा रहे थे लेकिन अब तस्वीर अलग है। हालांकि टीम को राहुल तेवतिया को रीलीज करने का दुख होगा।
राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा का कहना है कि संजू सैमसन ने विकेटकीपर , कप्तान और बल्लेबाज की तिहरी भूमिका को आईपीएल में बखूबी अंजाम दिया है।
संगकारा ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा , संजू का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है । पिछले सत्र में काफी कड़े इम्तिहान से उसने शुरूआत की जब युवा टीम , कोरोना संक्रमण के मामले और दो चरण में टूर्नामेंट हुआ लेकिन वह अपनी भूमिका में परिपक्व हुआ है।
उन्होंने कहा , वह काफी मृदुभाषी और शर्मीला है लेकिन बल्ले से उसके हुनर का जवाब नहीं । उसने कप्तानी की कठिन भूमिका में खरे उतरने के लिये काफी जुनून और जीत की भूख दिखाई है । विकेटकीपिंग, कप्तानी और जोस बटलर के साथ टीम का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होना आसान नहीं है लेकिन इस सत्र में उसने सब कुछ बखूबी किया।
हार्दक पांड्या की कप्तानी का पहला सत्र है आईपीएल 2022हार्दिक पांड्या के लिए तो यह सत्र किस्मत बदलने वाला रहा है। इससे पहले उनको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कप्तानी का खास अनुभव नहीं था। टीम ने हार्दिक पांड्या को 15 करोड़ का दाम देकर मेगा नीलामी में जाने से रोका था।
हार्दिक पांड्या ने इस सत्र में अपना बल्लेबाजी क्रम बदला और फिनिशिंग की भूमिका राहुल तेवतिया और डेवड मिलर को दी ताकि बल्लेबाजी के लिए ज्यादा गेंद मिल सके। ऐसे ही पिच के मुताबिक गेंदबाजों का चयन किया।
बतौर कप्तान पहले बल्लेबाजी चुनने वाले हार्दिक पांड्या इस सत्र के पहले कप्तान बने। प्लेऑफ में जाने से पहले ही उन्होंने प्रयोग करने शुरु कर दिए थे।यह बताता है कि उनको टीम पर कितना विश्वास था।हार्दिक पांड्या ने 14 मैचों में 4 अर्धशतकों की बदौलत 45 की औसत और 132 की स्ट्राइक रेट से 453 रन बनाए हैं और फाइनल में वह इन आंकड़ों में और सुधार कर सकते हैं।
हार्दिक पंड्या ने अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर में उतार चढ़ाव, चोट, सर्जरी, विवाद सब कुछ देख लिया, लेकिन उनका कहना है कि हर बात का सामना उन्होंने मुस्कुराकर किया। इन सभी चीजों को पीछे छोड़कर इंडियन प्रीमियर लीग में गुजरात टाइटंस के पहले सत्र में न सिर्फ वह बतौर हरफनमौला चमके बल्कि एक अच्छे कप्तान के रूप में भी उभरे और टीम को फाइनल में ले आए हैं।
भारत के लिए आखिरी मैच वह आठ नवंबर को दुबई में टी20 विश्व कप में नामीबिया के खिलाफ खेले थे। उसके बाद से कमर के आपरेशन के कारण गेंदबाजी में जूझते नजर आए। मुंबई इंडियंस से रिलीज होने के बाद आईपीएल सत्र से पहले मेगा नीलामी में गुजरात ने उन्हें 15 करोड़ रुपये में खरीदा। उन्हें कप्तानी दिए जाने पर भी सवाल उठे थे लेकिन अपने मेंटोर एम एस धोनी की तरह कैप्टन कूल पंड्या ने आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब दिया।