श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने मोदी से मांगी मदद, सेना भी नागरिकों के सामने झुकी
नई दिल्ली। श्रीलंका में जारी बवाल के बीच प्रदर्शनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है। दूसरी ओर, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए। सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी, वहीं यह भी खबर है कि श्रीलंकाई सेना नागरिकों के सामने झुक गई है और उसने हथियार नीचे कर लिए हैं।
हालांकि राजपक्षे के देश छोड़ने से लोगों का गुस्सा और भड़क गया है। श्रीलंकाइयों का गुस्सा भड़क गया है। राजधानी कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शनकारी जमकर उत्पात कर रहे हैं। लोगों के उग्र विरोध देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी का ऐलान किया है। कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दो गुट भी आपस में भिड़ गए, जिससे 12 लोग घायल हो गए।
राजपक्षे को किसने भगाया : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की देश छोड़कर जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की है। श्रीलंका के 73 वर्षीय नेता राजपक्षे श्रीलंका छोड़ कर मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं। दूसरी ओर, यह भी कहा जा रहा है कि भारत ने राजपक्षे को भागने में मदद की। हालांकि भारत की सरकार की ओर से इसका खंडन आ चुका है।
खाने-पीने की चीजें महंगी : श्रीलंका में हालात बुरी तरह बिगड़ चुके हैं। लोगों को खाद्य सामग्री आसानी से नहीं मिल रही है। एक जानकारी के मुताबिक आटा 300 रुपए किलो हो गया है।