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Last Updated : बुधवार, 13 जुलाई 2022 (14:45 IST)

श्रीलंका में आपातकाल, गोटबाया राजपक्षे को मालदीव में भी नहीं मिलेगी शरण

Gotabaya Rajapaksa
कोलंबो। श्रीलंका ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव जाने के बाद बुधवार को आपातकाल की घोषणा कर दी। इस बीच, मालदीव ने उन्हें शरण देने से इंकार कर दिया है। उन्हें वहां से दूसरे देश जाना होगा। अमेरिका भी राजपक्षे को शरण देने से इंकार कर चुका है। हालांकि इससे पहले यह भी खबर थी कि राजपक्षे की देश छोड़कर जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की है। 
 
राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है।
 
विक्रमसिंघे के इस्तीफे की मांग : इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे भी इस्तीफा देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए, लेकिन इसके बावजूद वे अवरोधकों को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए और उनसे इस्तीफा देने की मांग की। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पहले ही कहा है कि वह इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं।
 
उल्लेखनीय है कि राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे।
 
नशीद ने की राजपक्षे की मदद : संकट से घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की देश छोड़कर जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की है। श्रीलंका के 73 वर्षीय नेता राजपक्षे श्रीलंका छोड़ कर मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मालदीव में भी राजपक्षे को शरण नहीं मिलेगी। 
 
मालदीव के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि गोटाबाया राजपक्षे अपनी पत्‍नी के साथ केवल ट्रांजिट के लिए माले पहुंचे हैं और आगे की यात्रा के लिए वह किसी और देश रवाना हो जाएंगे। दूसरी ओर, अमेरिका पहले ही राजपक्षे को शरण देने से इंकार कर चुका है। 
 
सेना के विमान से मालदीव पहुंचे : देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच राजपक्षे अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ बुधवार को तड़के सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए। श्रीलंका की वायुसेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत मिली शक्ति के तहत राजपक्षे बुधवार को तड़के वायुसेना के एक विमान से मालदीव चले गए हैं।
 
मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि मजलिस (संसद) के अध्यक्ष नशीद ने राष्ट्रपति राजपक्षे को कोलंबो से निकलने में मदद की। सूत्रों ने बताया कि मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं। अत: अगर वह मालदीव आना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
 
टीवी समाचार चैनलों पर प्रसारित खबरों के अनुसार, राजपक्षे के साथ 13 लोग मालदीव गए हैं। वे एएन32 विमान से मालदीव पहुंचे। खबरों के अनुसार, मालदीव में नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने देश में किसी सैन्य विमान के उतरने के शुरुआती अनुरोधों को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में अध्यक्ष नशीद के आग्रह पर विमान को उतरने की अनुमति दी।
 
राजपक्षे मालदीव से भेज सकते हैं इस्तीफा : राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद यह घोषणा की थी। ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नयी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका से बचने के लिए इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे। राजपक्षे मालदीव से किसी अन्य देश जा सकते हैं, जिसके बारे में अभी जानकारी नहीं है।
 
गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।