UN report : व्यापक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन डेटा से प्रौद्योगिकी के अत्यधिक उपयोग और छात्रों के प्रदर्शन के बीच नकारात्मक संबंध का पता चलता है, फिर भी चार में से एक से भी कम देश ने विद्यालयों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। यह जानकारी वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) की रिपोर्ट से मिली।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा प्रकाशित शिक्षा में प्रौद्योगिकी रिपोर्ट ने इसका उल्लेख किया है कि मूल्यांकन डेटा से पता चला है कि मोबाइल के नजदीक होने से छात्रों का ध्यान भटकता है और सीखने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा टीम के एक विशेषज्ञ ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शिक्षा में प्रौद्योगिकी पर बहुत अधिक ध्यान देने का खामियाजा उठाना पड़ता है और स्मार्टफोन सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग कक्षा में केवल तभी किया जाना चाहिए जब यह सीखने के परिणामों का समर्थन करता हो।
रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल तकनीक को अपनाने से शिक्षा और सीखने में कई बदलाव हुए हैं। वे बुनियादी कौशल जिन्हें युवाओं द्वारा स्कूल में सीखने की उम्मीद की जाती है, कम से कम अमीर देशों में, उनमें नए कौशल शामिल किए गए हैं। कई कक्षाओं में, कागज की जगह स्क्रीन ने ले ली है और पेन की जगह कीबोर्ड ने ले ली है। कोविड-19 को एक स्वाभाविक प्रयोग के रूप में देखा जा सकता है, जहां रातों-रात पूरी शिक्षा प्रणाली के लिए सीखना ऑनलाइन हो गया।
इसमें कहा गया है कि व्यापक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन डेटा, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (पीआईएसए) द्वारा प्रदान किया गया, अत्यधिक आईसीटी (सूचना संचार प्रौद्योगिकी) के उपयोग और छात्र के प्रदर्शन के बीच एक नकारात्मक संबंध का संकेत देता है। चौदह देशों में पाया गया कि मोबाइल के पास होने मात्र से छात्रों का ध्यान भटकता है और सीखने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, फिर भी चार में से एक से भी कम देश ने विद्यालयों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
यूनेस्को ने इस बात पर चिंता जताई है कि छात्रों द्वारा उपकरण का एक सीमा से अधिक उपयोग करने से शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग कक्षा और घर पर सीखने की गतिविधि को बाधित करता है।
रिपोर्ट के अनुसार चौदह देशों में प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के छात्रों को कवर करने वाले छात्रों के मोबाइल-फोन के उपयोग और शैक्षिक परिणामों के बीच संबंधों पर शोध के मेटा-विश्लेषण में एक छोटा नकारात्मक प्रभाव पाया गया, जो विश्वविद्यालय स्तर पर बड़ा था। यह गिरावट मुख्य रूप से सीखने के घंटे के दौरान गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर लगाए गए समय और अधिक ध्यान भटकने से जुड़ी है।
इसमें कहा गया है कि आने वाले नोटिफिकेशन या मोबाइल की मात्र निकटता एक ध्यान भटकाने वाली चीज हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप छात्र का ध्यान काम से भटक सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कक्षाओं में स्मार्टफोन के उपयोग से छात्र गैर-विद्यालयी गतिविधियों में लग जाते हैं, जो याद करने और समझने को प्रभावित करता है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि एक अध्ययन में पाया गया है कि गैर-शैक्षणिक गतिविधि में लगने के बाद छात्रों को, जो वे सीख रहे थे, उस पर फिर से ध्यान केंद्रित करने में 20 मिनट तक का समय लग सकता है। रिपोर्ट में स्पष्ट उद्देश्यों और सिद्धांतों की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रौद्योगिकी का उपयोग लाभकारी हो तथा हानि से बचा जा सके। इनपुट भाषा