सऊदी अरब और ईरान के बीच तकरार बढ़ी
हज यात्रा शुरू होने से पहले सऊदी अरब और ईरान के बीच तकरार बढ़ गई है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ जोरदार हमला बोला है। सऊदी के ग्रैंड मुफ्ती अब्दुल अजीज अल शेख ने कहा है कि ईरान के नेता मुसलमान नहीं, बल्कि वे पारसियों की संतान हैं।
उनकी यह प्रतिक्रिया ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने सऊदी के अधिकारियों पर पिछले साल हज यात्रा के दौरान भगदड़ में घायल हुए मुस्लिमों की हत्या करने का आरोप लगाया था।
इसके बाद बुधवार को खमैनी ने फिर कहा कि सऊदी हज यात्रा की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने सऊदी के कुछ नेताओं को नास्तिक तक करार दिया। इसके अलावा ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने भी कहा कि मुस्लिम जगत को एकजुट होकर हज यात्रा की बेहतर व्यवस्था न करने के लिए सऊदी अरब को सजा देना चाहिए।
सोमवार को खमेनी ने कहा था कि बेरहम सऊदी ने हज यात्रा के दौरान घायल हुए मुसलमानों को इलाज उपलब्ध कराने के बजाय कंटेनरों में बंद कर दिया। सऊदी अधिकारियों ने घायल हज यात्रियों की मदद करने की बजाय उनकी हत्याएं कीं।
सऊदी के ग्रैंड मुफ्ती ने ने कहा कि क्षेत्रीय प्रतिद्वंदी देश ईरान के नेता मुस्लिम नहीं है और सुन्नी मुसलमानों को अपना दुश्मन मानते हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता खमैनी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम समझ गए कि ईरान के नेता मुस्लिम नहीं हैं।
मुस्लिमों के प्रति इनकी दुश्मनी पुरानी है। इनके सबसे बड़े दुश्मन सुन्नी मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि ईरान के नेता पारसियों की संतानें हैं। सुन्नी बहुल सऊदी और शिया बहुल ईरान के बीच अक्सर विरोध रहा है। सीरिया गृहयुद्ध में भी दोनों देश एक दूसरे के विरुद्ध हैं। दोनों पक्षों के बीच हिंसा सारी दुनिया में देखी जा सकती है।