चीन की 'जीरो कोविड' नीति से गुस्सा, घरों में कैद हुए लोग
बीजिंग। चीन की सख्त जीरो-कोविड रणनीति के तहत सार्स-कोव-2 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार पर लगाम लगाने की कोशिशों में जुटे शंघाई में रक्षात्मक सूट पहनी टीमें कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के घर पहुंचकर रोगाणुनाशकों का छिड़काव कर रही हैं। हालांकि इस नीति से लोग परेशान और घरों में कैद हो गए हैं। सरकार को लेकर उनमें काफी गुस्सा है।
शहर के एक अधिकारी जिन चेन ने मंगलवार को बताया कि पुराने इलाके, जहां साझा किचन और बाथरूम हैं, वहां उन सुविधाओं का इस्तेमाल करने वाले लोगों के घरों में भी रोगाणुनाशक का छिड़काव किया जाएगा। कपड़ों और कीमती वस्तुओं को नुकसान पहुंचने की आशंकाओं को लेकर चेन ने कहा कि लोग रोगाणुनाशक का छिड़काव करने पहुंची टीमों को उन वस्तुओं के बारे में बता सकते हैं, जिन्हें लेकर एहतियात बरतने की जरूरत है।
इस बीच, शंघाई प्रशासन ने मंगलवार को उन दो सबवे लाइन पर भी सेवाएं निलंबित कर दीं, जो अभी तक संचालन में थीं। द पेपर के मुताबिक, शहर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब उसकी सभी प्रणालियों को बंद करना पड़ा है।
ताजा उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब शंघाई प्रशासन ने बीते कछ हफ्तों में लोगों को सीमित खरीदारी के लिए बाहर निकलने की अनुमति देने के बाद कुछ जिलों के बाशिंदों को एक बार फिर अपने घरों में रहने के आदेश जारी किए हैं।
शंघाई में सोमवार को रोजाना दर्ज होने वाले नए मामलों की संख्या 3,000 के आसपास पहुंच गई, जो मध्य अप्रैल में प्रतिदिन सामने आ रहे औसतन 26,000 मामलों से काफी कम है। शहर में कोविड-19 से 6 और मरीजों की जान जाने से वहां संक्रमण से अब तक होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर 553 पर पहुंच गया।