तालिबानी फलसफा, ताकत बंदूक की नली से निकलती है, डिग्रियां तो बकवास हैं...
महिलाओं की शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाला तालिबान शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है या भविष्य में कितनी गंभीरता दिखाएगा इसका अनुमान वहां के नवनियुक्त उच्च शिक्षा मंत्री के बयान से लगाया जा सकता है। महिला शिक्षा की तो बात छोड़िए, मंत्री जी ने तो शिक्षा की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठा दिए हैं।
नए मंत्री शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर के लिए शिक्षा की अहमियत ही नहीं है। तालिबानी सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर ने कहा है कि पीएचडी या मास्टर डिग्री का कोई मूल्य नहीं है। नूरुल्लाह के बयान से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
उन्होंने कहा- मुल्लाओं और सत्ता में शामिल तालिबानी नेताओं के पास भी ये डिग्रियां नहीं हैं। यहां तक कि उनके पास तो हाईस्कूल की डिग्री भी नहीं है, लेकिन फिर भी वे (हम) ताकतवर हैं। अर्थात उनके कहने का तात्पर्य है कि ताकत तो बंदूक की नली से ही निकलती है या फिर कह सकते हैं कि 'जिसकी लाठी उसकी भैंस'।
अफगानिस्तान में एक और दृश्य है, जहां महिलाएं अपने अधिकारों- शिक्षा और सरकारी में भागीदारी को लेकर सड़क पर उतर रही हैं। तालिबान की गोलियों से बेखौफ ये महिलाएं 'तालिबानी मानसिकता' का खुलकर विरोध कर रही हैं।
हालांकि तालिबानी सरकार के मंत्री के इस तरह के बयान पर किसी को आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए। क्योंकि 33 सदस्यों वाली कैबिनेट के 14 सदस्य ऐसे हैं, जिनका नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में शामिल है। 4 मंत्री ऐसे भी हैं, जिन्हें गुआंतानामो बे जेल में रखा गया था। इनमें उप-रक्षामंत्री, सूचनी और संस्कृति मंत्री, सीमा एवं आदिवासी मामलों के मंत्री और यहां तक कि खुफिया निदेशक भी शामिल हैं।