क्या G-7 समिट के लिए भारत को नहीं मिला न्योता? जर्मनी ने बताई सचाई
नई दिल्ली। भारत को जी-7 की मीटिंग में अतिथि के तौर पर न बुलाने पर विचार करने की खबरों को जर्मनी ने खारिज किया है।
खबरों के अनुसार जर्मनी ने कहा कि बर्लिन की ओर से समिट में भारत को न बुलाने पर विचार करने की बात गलत है। जून में होने वाली समिट के लिए भारत के अलावा कई और देशों को बुलाने की तैयारी जर्मनी की ओर से जा रही है। हालांकि इस पूरे मामले पर भारत सरकार की ओर कोई बयान नहीं आया।
जर्मनी ने अनौपचारिक तौर पर भारत को इस बारे में जानकारी दी है कि उसे जी-7 के गेस्ट के तौर पर आमंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जल्दी ही बर्लिन की ओर से भारत को औपचारिक निमंत्रण दिया जा सकता है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जर्मनी की ओर से जी-7 मीटिंग में गेस्ट के तौर पर भारत को न बुलाने पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि यूक्रेन पर रूस के हमले की भारत की ओर से आलोचना न किए जाने पर जर्मनी इस संबंध में विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन पर हमले के मामले में तटस्थता बरकरार रखी है और शांति से ही मसले का हल करने की मांग की है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस को मानवाधिकार परिषद से बाहर रखने के प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से भी भारत ने खुद को दूर रखा था।
भारत ने रूस से सस्ते तेल की खरीद पर भी सहमति जताई है, जिसे लेकर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि भारत ने उन्हें करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि यूरोप जितना तेल एक दोपहर में रूस से खरीदता है, उतना हम एक महीने में भी नहीं खरीदते हैं।
जी-7 समिट का आयोजन जर्मनी में 26 से 28 जून के बीच होना है। इसमें सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया को भी बुलाया गया है। इस साल इस मीटिंग की अध्यक्षता जर्मनी ही करने वाला है। इस बार समिट में यूक्रेन पर रूस के हमले पर भी चर्चा की जाएगी। ऐसे में इस बार जी-7 समिट बेहद महत्वपूर्ण है।