दिग्विजय सिंह पर हिंदू संगठन ने फेंकी चूड़ियां, लव जिहाद से गरमाई राजनीति, इंदौर में पूर्व महापौर के बेटे के बयान पर बवाल
जीतू पटवारी ने प्रशासन-पुलिस पर लगाया बीजेपी की नौकरी करने का आरोप
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल
इंदौर इन दिनों राजनीति के अखाड़े में तब्दील हो गया है। इस अखाड़े में एक तरफ हिंदू संगठन के सदस्य हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी। मामला इंदौर में पसर रहा लव जिहाद का है। लव जिहाद के एक विवाद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इंदौर के सीतलामाता बाजार के सराफा थाना पहुंचे, जहां इस दौरान हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने उन पर चूड़ियां फेंकी। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं। विवाद की स्थिति को देखते हुए इलाके में पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है।
शहर के कपड़ा बाजार में मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का विवाद शनिवार को उस समय और गहरा गया, जब इस फैसले का विरोध करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की, उन्हें काले झंडे दिखाए और उनकी ओर चूड़ियां भी फेंकी।
बता दें कि हाल ही में भाजपा विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड के बेटे एकलव्य गौड़ ने इंदौर के बाजारों में मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने को लेकर बयान दिया था। उनका कहना था कि मुस्लिम कर्मचारी दुकानों में आने वाली हिंदू युवतियों को लव जिहाद का शिकार बनाते हैं। इसके बाद कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाला था।
दिग्विजय के पहुंचने से पहले भगवा झंडों से पटा बाजार : इस पूरे विवाद के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एकलव्य गौड़ के इस अभियान पर सवाल उठाए और इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया। इसी दौरान शनिवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सीतलाबाजार और सराफा थाने पहुंचे। यहां दिग्विजय सिंह के विरोध में सीतलामाता बाजार की दुकानें भगवा झंडों और बैनरों से पट गई दुकान संचालकों ने गले में केसरिया पट्टा पहन लिया है। व्यापारी एसोसिएशन का कहना है कि वे दिग्विजय सिंह का विरोध करेंगे। महिलाएं भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई हैं। वो चूड़ियां लेकर खड़ी थीं।
क्यों इंदौर में गरमाई राजनीति : बता दें कि सीतलामाता बाजार की दुकानों से मुस्लिम सेल्समैन और भागीदारों को हटाने के विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ के फरमान जारी किया था कि मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाया जाए। इस पर अब राजनीति धीरे-धीरे गरमाने लगी है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता संभागायुक्त सुदाम खाड़े से मिले और पूरे प्रकरण पर प्रशासन की खामोशी पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने विधायक पुत्र एकलव्य पर एफआइआर दर्ज करने की मांग करते हुए चेतावनी दी। इस बीच बाजार में भी इस पूरे प्रकरण पर सरगर्मी तेज हो गई है।
मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाला : दरअसल कुछ व्यापारियों ने एक दिन पहले ही 10 से ज्यादा मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इस बीच कुछ हिंदू-मुस्लिम व्यापारियों ने साथ मिलकर इस मनमाने आदेश का विरोध भी किया था। बता दें कि महिला वस्त्रों के सबसे बड़े सीतलामाता बाजार से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्देश एकलव्य गौड़ ने व्यापारियों को दिया था। उन्होंने इसके लिए इंदौर में लगातार सामने आ रहे लव जिहाद का हवाला दिया था।
एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कर रहे : शुक्रवार शाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, पूर्व पार्षद दीपू यादव और अमित पटेल संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। पटवारी ने संभागायुक्त खाड़े से कहा कि शहर का माहौल और व्यापार दोनों बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। उन्होंने पूछा कि क्यों एकलव्य गौड़ पर एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है? पटवारी ने संभागायुक्त से कहा कि गौड़ न कोई मंत्री है, न जनप्रतिनिधि है फिर वह किस हैसियत से व्यापारियों को आदेश दे रहा है। बता दें कि इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे शासन प्रशासन पर बीजेपी की नौकरी करने का आरोप लगा रहे हैं।