Raksha bandhan 2023: क्या बहनें बहन को राखी बांध सकती हैं?
Raksha bandhan 2023: इस बार रक्षाबंधन का पर्व दो दिन मनाया जाएगा। भद्रा का काल होने के कारण 30 अगस्त और 31 अगस्त 2023 को। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती है। माना जाता है कि भाई के हाथों में बंधी राखी से बहन और भाई की रक्षा होती है। परंतु क्या कोई बहन अपनी दूसरी बहन को राखी बांध सकती है?
मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन भाई और बहन के त्योहार तक ही सीमित नहीं है। राखी किसी भी व्यक्ति को बांधी जा सकती है। राखी बांधने से उस व्यक्ति की रक्षा होती है। एक बहन के तौर पर आप भी अपनी बहन को राखी बांध सकते हैं। रक्षाबंधन का अर्थ हैं रक्षा करने के वचन में बंधना या देना जिसे कोई भी दे सकता हैं।
आजकल ऐसे त्योहारों का चलन देखने को मिल रहा है, जिसमें एक महिला दूसरी महिला को राखी बांध रही है। इस परंपरा का पालन मुख्य रूप से मारवाड़ी और राजस्थानी महिलाएं करती हैं जो अपनी बहन की कलाई पर राखी बांधती हैं।
रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा वैदिक काल से रही है जबकि व्यक्ति को यज्ञ, युद्ध, आखेट, नए संकल्प और धार्मिक अनुष्ठान के दौरान कलाई पर नाड़ा या सूत का धागा जिसे 'कलावा' या 'मौली' कहते हैं- बांधा जाता था। रक्षा बंधन के अलावा भी अन्य कई धार्मिक मौकों पर आज भी रक्षा सूत्र (नाड़ा) बांधा जाता है।
भविष्य पुराण में कहीं पर लिखा है कि देव और असुरों में जब युद्ध शुरू हुआ, तब असुर या दैत्य देवों पर भारी पड़ने लगे। ऐसे में देवताओं को हारता देख देवेंद्र इन्द्र घबराकर ऋषि बृहस्पति के पास गए। तब बृहस्पति के सुझाव पर इन्द्र की पत्नी इंद्राणी (शची) ने रेशम का एक धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। जिसके फलस्वरूप इंद्र विजयी हुए। कहते हैं कि तब से ही पत्नियां अपने पति की कलाई पर युद्ध में उनकी जीत के लिए राखी बांधने लगी।