गोलकीपर श्रीजेश का सफर संभवत: आखिरी विश्वकप चोट के साथ हुआ खत्म, नहीं पूरा हो सका सपना
गोलकीपर श्रीजेश ने पेनल्टी शूट आउट में भारत के लिए लगातार दो गोल रोककर एक संजीवनी दी लेकिन दूसरे पेनल्टी शूट आउट में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से चोटिल होकर मैच से बाहर हो गए। शायद यह ही भुवनेश्वर में खेले गए भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच में टर्निंग प्वाइंट रहा और न्यूजीलैंड ने पाठक पर 2 गोल अर्जित किए। वहीं न्यूजीलैंड के गोलकीपर के सामने भारत के चौथे प्रयास वाले खिलाड़ी अभिषेक सिर्फ खड़े रह गए।
भारतीय पुरूष हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने अपने 17 साल लंबे चमकदार करियर में लगभग हर उपलब्धि हासिल कर ली थी, बस इसमें विश्व कप पदक की कमी थी और वह इस बार यहां घरेलू सरजमीं पर चल रहे इस टूर्नामेंट में अपने इस सपने को पूरा करना चाहते थे, लेकिन यह हो ना सका।
श्रीजेश ने 2021 में तोक्यो ओलंपिक में भारत के ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत में बड़ी भूमिका अदा की थी।
श्रीजेश 2006 में पदार्पण के बाद से 226 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और वह सभी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीत चुके हैं।
वह 2014 और 2018 में एशियाई खेलें में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। राष्ट्रमंडल खेलों (2014 और 2022) में रजत पदक जीतने वाली टीम में भी वह शामिल थे। 2016 और 2018 में चैम्पियंस ट्राफी में रजत पदक जीतने के अलावा वह 2011, 2016 और 2018 में एशियाई चैम्पियंस ट्राफी में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह तीन बार के ओलंपियन हैं और अब यहां अपना चौथा विश्व कप खेल रहे हैं।
क्रॉसओवर ने बदकिस्मति से गेंद ने इतने इंतजामात के बावजूद उनका घुटना ढूंढ लिया। इस कारण दोयम दर्जे का प्रदर्शन करने वाली हॉकी टीम में से भारतीय फैंस को सिर्फ श्रीजेश से सहानुभूति रही।
टीम भुवनेश्वर और राउरकेला में चल रहे विश्व कप में 48 साल बाद पोडियम स्थान हासिल करने की उम्मीद लगाये थे।भारत ने अपना एकमात्र विश्व कप पदक (स्वर्ण पदक) कुआलांलपुर में 1975 चरण में के रूप में जीता था।