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Last Updated : गुरुवार, 21 दिसंबर 2023 (13:10 IST)

गीता जयंती : यहां पढ़ें गीता सार

Geeta Saar in Hindi | यहां पढ़ें गीता सार
shrimad bhagwat geeta saar in hindi
Geeta saar in hindi: प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस साल गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। पुराण, महाभारत, रामायण या स्मृतियां नहीं बल्कि हिन्दू धर्म के प्रमुख धर्मग्रंथ चार वेद हैं। 4 वेदों का सार 1008 उपनिषदों में मिलेगा और उपनिषदों का सार यानी संक्षिप्त श्रीमद् भागवत गीता है। गीता की गणना उपनिषदों में की जाती है। इसी‍लिये इसे गीतोपनिषद् भी कहा जाता है। गीता का सार तत्व यहां पढ़ें।
 
गीता सार | Geeta saar:
 
  1. क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है।
  2. जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिंता न करो। वर्तमान चल रहा है।
  3. तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया।
  4. खाली हाथ आए और खाली हाथ चले। जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझकर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।
  5. परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।
  6. न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा, परंतु आत्मा स्थिर है- फिर तुम क्या हो?
  7. तुम अपने आपको भगवान को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है, वह भय, चिंता व शोक से सर्वदा मुक्त है।
  8. जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान को अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवनमुक्त का आनंद अनुभव करेगा।
 
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