विश्व के इन दमदार खिलाड़ियों ने फुटबॉल को दी आसमान सी ऊंचाई...
- चेतन गौड़
दुनियाभर में फुटबॉल का जुनून लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। फुटबॉल के इस खेल को विश्वभर में लोकप्रिय बनाने में उसके पुराने खिलाड़ियों की अहम भूमिका रही है। फुटबॉल के ऐसे ही कुछ चुनिंदा दमदार खिलाड़ियों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिन्होंने इस खेल को आसमान सी ऊंचाई दी है...
पेले के लाजवाब टैलेंट ने खेल को दिया नया रूप : फुटबॉल की दुनिया में पेले ने जब कदम रखा तो इस खेल को एक नया ही रूप मिला। इस लाजवाब टैलेंट की दस्तक से ब्राजील की टीम उभरकर सामने आई। 1958 में जब पहली बार ब्राजील चैंपियन बना तो उसमें इस महान सितारे की अहम भूमिका थी। सेमीफाइनल में पेले ने हैट्रिक गोल दागे और उसके बाद फाइनल में 2 गोल दागे। चोट की वजह से वे 1962 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए।
1966 में भी विरोधी टीमों ने उन पर जबर्दस्त हमले किए और उन्हें घायल कर दिया। उसके बावजूद 1970 में ब्राजील एक बार फिर चैंपियन बना। 1969 में पेले ने 1000वां गोल किया, जब वे अपना 909वां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे थे। पेले के नेतृत्व में ब्राजील ने फुटबॉल में कई उल्लेखनीय सफताएं प्राप्त कीं। उन्होंने अपने जीवन में 1363 मैच खेले और 1281 गोल किए। 'काले हीरे' के नाम से विख्यात पेले विश्व के सबसे चहेते खिलाड़ी माने जाते हैं।
'हैंड ऑफ गॉड' के नाम से याद किए जाते हैं डिएगो मेराडोना : क्रिकेट का भगवान अगर सचिन तेंदुलकर को कहा जाता है, तो वहीं दूसरी ओर जब भी दुनिया में फुटबॉल का जिक्र होता है तो डिएगो मेराडोना का नाम जरूर लिया जाता है। उन्हें 'हैंड ऑफ गॉड' के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। अपने 21 साल और 680 मैच के लंबे करियर में उन्होंने 354 गोल किए। 4 फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट का हिस्सा रहे मेराडोना ने फुटबॉल के इस महाकुंभ में आठ गोल किए हैं।
1986 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ मेराडोना ने दो गोल दागे थे, जिससे टीम 2-1 से जीती थी और यह जीत इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई थी। इसी मैच में पहला गोल मेराडोना ने जो किया था, उसमें हाथ का इस्तेमाल किया गया था जो रेफरी को नजर नहीं आया था। इसी घटना को 'हैंड ऑफ गॉड' कहा गया था। दूसरा गोल करने के लिए 60 मीटर के फासले पर पांच खिलाड़ियों को छकाकर मेराडोना ने गोल दागा था, इसे 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया। 1990 वर्ल्ड कप के दौरान मेराडोना ने 50 फाउल किए थे, जो कि 'वर्ल्ड रिकॉर्ड' भी है। 'हैंड ऑफ गोल' के विवाद के बावजूद मेराडोना आलोचकों को अपने स्टाइल में जवाब देते गए।
'ब्लैक पैंथर' के नाम से मशहूर यूसेबियो मोजांबिक : फुटबॉल के इतिहास में हम पुर्तगाल के दिग्गज फुटबॉलर और विश्व कप 1966 में सर्वाधिक गोल करने वाले यूसेबियो मोजांबिक को भी नहीं भूल सकते, जो अपने प्रशंसकों के बीच 'ब्लैक पेंथर' के नाम से जाने जाते हैं। 1966 विश्व कप में जब पेले नहीं खेल पाए, तो इसी महान खिलाड़ी ने अपने दम पर पुर्तगाल को वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचाया। उत्तर कोरिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल 3 गोल से पीछे चल रहा था, लेकिन आखिरी 30 मिनट में पुर्तगाल ने 4 गोल दागकर मैच में वापसी की। उन्होंने उस टूर्नामेंट में नौ गोल किए थे।
यूसेबियो मोजांबिक एक गरीब परिवार से थे, लेकिन वे प्रतिभा से भरपूर थे। मोजांबिक में जन्मे इस फुटबॉलर का हाल ही में 71 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यूसेबियो को 1965 में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ यूरोपीय फुटबॉलर चुना गया। उनकी गणना सर्वकालिक महान फुटबॉलरों और पुर्तगाल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में होती है। उनके करियर के दौरान बेनफिका ने 1962 में यूरोपियन कप जीता था। उन्होंने कुल 745 पेशेवर मैच खेले और 733 गोल दागे। यूसेबियो को पिछली सदी के 10 महान फुटबॉलर्स में शामिल किया गया था। यूसेबियो का पूरा नाम यूसेबिया दा सिल्वा था।
विश्व फुटबॉल इतिहास में याद किए जाते हैं पाओलो रॉसी : पाओलो रॉसी एक पूर्व इतालवी पेशेवर फुटबॉलर हैं। विश्व कप के इतिहास में कई गोल स्कोरर हुए हैं, उनमें से ही पाओलो रॉसी एक ऐसे गोल स्कोरर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से विश्व कप को कई यादगार लम्हे दिए हैं। स्पेन में हुए 1982 वर्ल्ड कप में भी बेहद यादगार लम्हा आया, जब पाओलो रॉसी बेटिंग स्कैंडल से उबरकर इटालियन फुटबॉल के सबसे बड़े हीरो बने। रॉसी टोटोनेरो फिक्सिंग स्कैंडल में फंस गए थे। इस मामले की वजह से 1980 में उन पर बैन भी लग गया। हालांकि बाद में बुजरोट की कप्तानी में उन्हें इटली की वर्ल्ड कप की टीम में एक बार फिर से वापसी का मौका मिला और रॉसी ने अच्छा प्रदर्शन कर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।
उन्होंने 1982 फीफा विश्व कप में इटली का नेतृत्व किया, जिसमें शीर्ष गोल स्कोरर के रूप में गोल्डन बूट जीतने और टूर्नामेंट में गोल्डन बॉल जीतने के लिए छह गोल किए। रॉसी को 2004 के सबसे महान इतालवी फुटबॉलरों में से एक के रूप में माना जाता है। 2004 में रॉसी को फीफा की 100वीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में पेले द्वारा शीर्ष 125 महानतम जीवित फुटबॉलरों में से एक के रूप में नामित किया गया था। रॉसी ने अपने करियर में 251 मैच खेले और 103 गोल किए।