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Written By हिमा अग्रवाल
Last Modified: मंगलवार, 8 दिसंबर 2020 (15:54 IST)

Ground Report : यूपी में भारत बंद का 'गुब्बारा' योगी के 'डंडे' से पिचका

Ground Report : यूपी में भारत बंद का 'गुब्बारा' योगी के 'डंडे' से पिचका - Yogi in action against Bharat Bandh in UP
उत्तर प्रदेश में किसानों और उनको समर्थन दे रहे विपक्षी दलों के भारत बंद का गुब्बारा योगी ने फूलने ही नहीं दिया। विपक्ष की भाषा में कहें तो सरकारी दमन का 'अलोकतांत्रिक डंडा' पूरी शक्ति के साथ भारत बंद के आह्वान को कुचलने में मुस्तैदी से लगा रहा।
 
कुछ जगह सड़कें जाम हुईं लेकिन उन्हें कहीं समझाकर तो कहीं भय दिखाकर खुलवा दिया गया और जो नहीं माने उन पर लाठियां बरसीं लेकिन बंद सफल न हो सका। यहां तक कि भारतीय किसान यूनियन के गढ़ मुजफ्फरनगर और शामली में भी सारे बाजार खुले रहे। किसानों के समर्थन में अगर कुछ इलाकों में दुकानें बंद भी हुईं तो खाकी ने कारोबारियों को अपनी भाषा में समझा दिया और कुछ ही देर में बाजार फिर से आबाद हो गए।
 
सपा का असफल प्रयास : मुख्य विपक्षी दलों में सिर्फ सपा कार्यकर्ता और उनके समर्थकों ने ही हर जगह मोर्चा संभालने का पुरजोर लेकिन असफल प्रयास किया। कांग्रेसी कागजों और सोशल साइट्स पर ही दहाड़ते दिखे, लेकिन बसपा अपने चिर-परिचित अंदाज में खामोश थी। किसानों ने वक्त और डंडे की नजाकत को देखते हुए प्रदेश भर में अपना विरोध दर्ज कराया। कुछ हाइवे और मुख्यमार्ग भी कुछ समय के लिए जाम रहे, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती और सख्ती ने उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए।
 
उत्तरप्रदेश में भारत बंद को विफल करने के लिए सरकार ने 'अवांछनीय तत्वों' को हिरासत में ले लिया या उन्हें उनके ही ठिकानों पर नजरबंद कर दिया गया था। एक दिन पहले ही सपा के नेताओं और अलंबरदारों की पुलिस-प्रशासन घेरेबंदी कर चुका था। इन सब के घरों के बाहर पुलिस का पहरा था और इनमें से किसी को घर से निकलने की मनाही कर दी गई थी।
 
पुलिस का बड़ा दांव :  दूसरी तरफ व्यापार संगठनों और बाजारों के मुखियाओं को समझा दिया गया था कि यदि दुकानें बंद रहीं तो उन्हें भी आंदोलनकारियों की तरह देखा जाएगा और खुलीं तो कोई जबरन बंद कराने फटक भी न पाएगा। इस तरकीब या हथकंडे ने असर दिखाया और पूरब से लेकर पश्चिम तक पूरे उत्तर प्रदेश में बाजार खुले रहे।
 
उत्तराखंड में दिखा असर : इसके विपरीत कभी उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के कई जिलों में भारत बंद का अच्छा खासा असर और चक्का जाम देखने को मिला। उत्तराखंड के रुद्रपुर और मेरठ-पौड़ी मार्ग पर किसानों ने चक्का जाम कर दिया।
 
 मेरठ में हापुड़ रोड पर स्थित भगतसिंह मार्केट सुबह से ही बंद था, लेकिन जब खाकी वालों ने उन्हें खुराक के साथ समझाया तो आनन-फानन में दुकानें खुल गईं और थोड़ी देर में ही वहां बाजारी हलचल शुरू हो गई।
 
ड्रोन से आंदोलनकारियों पर नजर : पुलिस सुबह से ही एक्शन मोड में थी, मेरठ के मुख्य बाजारों में ड्रोन कैमरे से पैनी नजर रख रही है। हालांकि कंकरखेड़ा जटौली बाईपास और मोहिद्दीनपुर फाटक पर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया। सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। मेरठ में 13 असामाजिक लोगों (सपा नेताओं) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
 
हालांकि भारत बन्द को लेकर किसानों ने जगह-जगह जाम लगाए। मलकपुर शुगर मिल गेट के बाहर किसान जाम लगाकर बैठ गए, उन्होंने सड़क पर बैठ हुक्का गुड़गुडाया। बामनोली में बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग जाम किया, रंछाड़-जीवाना गेट पर भी किसानों ने जाम लगाया, बीच सड़क ट्रैक्टर ट्रॉलियां भी किसानों ने खड़ी की, नेशनल हाइवे 709 बी पर बड़ौत औद्योगिक पुलिस चौकी के पास भी जाम लगाया गया और हाइवे पर किसानों ने जमकर नारेबाजी की, लेकिन भारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती के चलते अधिकांश जगह जाम खुलवा दिए गए।
 
सपा के गढ़ इटावा में दिखा असर : इसी तरह वाराणसी में सपाई किसानों के भारत बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे लेकिन वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में कीनाराम स्थल से लंका जाने के पहले ही सपा समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सपा के गढ़ कहे जाने वाले इटावा में भी सपाइयों के इरादे अंजाम तक नहीं पहुंच सके। इटावा में भारत बंद के दौरान बाजार बंद कराने जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लाठियों की ताकत से खदेड़ दिया। इसके बाद सपा कार्यकर्ता कोतवाली गेट पर धरने पर बैठ गए।
 
इटावा में बाजार बंद का असर दिखाई दिया। यानी सपा के गढ़ में कारोबारियों ने पुलिस-प्रशासन की अपेक्षा सपाइयों को अधिक तरजीह दी या शक्तिशाली माना। शामली में धरना दे रहे राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं को जबरन उठा दिया और ट्रैक्टरों पर लगे राष्ट्रीय लोकदल के झंडे उतरवा दिए।
 
बुलंद शहर में डंडे चलाकर खुलवाया जाम : इसी तरह बुलंदशहर में भी एनएच 91 पर भारतीय किसान यूनियन ने जाम लगाया, लेकिन कुछ समय मे ही डंडे चलाकर पुलिस बल ने जाम खुलवा दिया। 
 
भारत बंद के आह्वान पर आज मथुरा में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, कम्युनिस्ट पार्टी सहित राजनीतिक संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस-प्रशासन ने वहां भी जबरन बाजार बंद कराने के आरोप में सैकड़ो कार्यकर्ताओं सहित पूर्व विधायक प्रदीप माथुर सहित, 2 दर्जन से अधिक आरएलडी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
 
पुलिस के साथ वहां आंदोलनकारियों की हाथापाई भी हुई जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को उठा कर जबरन जीप में बैठाया और वहां से थाने ले आई। 
 
कुल मिलाकर पुलिस ने न केवल भारत बंद बल्कि विपक्षी इरादों की हवा निकाल दी। कह सकते हैं कि योगी ने भारत बंद के आह्वान के गुब्बारे को अपनी ताकत और इरादों की पिन से पंक्चर कर दिया।
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