UCC and Modi Mitra : यूसीसी की आहट के बीच मुस्लिम कैसे बनेंगे ‘मोदी मित्र’, 2024 में कितना कारगर होगा ये गणित
UCC and Modi Mitra : साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को मुस्लिमों के विरोधी के तौर पर देखा जाने लगा था। 2014 में बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरकर आई और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद से मोदी सरकार लगातार मुस्लिमों को अपने करीब लाने की कोशिश करती रही है। मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक प्रथा खत्म की गई। मोदी सरकार में कई योजनाएं मुस्लिम समाज के लिए शुरू की गई। इनमें उड़ान, शादी शगुन, उस्ताद, सीखो और कमाओ और ईदी योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं। अब मोदी मित्र लाकर सरकार मुस्लिमों को बीजेपी से जोड़ने का काम करेगी। ठीक इसी वक्त बीजेपी सरकार में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की आहट है। भोपाल में मंगलवार को सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा--
एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं। एक देश में एक ही कानून चलेगा।
इस बयान से सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले सरकार देश में यूसीसी (UCC) लागू कर सकती है। ऐसे में मोदी मित्र और यूसीसी दोनों को लेकर सरकार कैसे सामंज्यस और संतुलन बैठाएगी यह देखने वाली बात होगी।
क्या है मोदी मित्र?
जानते हैं क्या है मोदी मित्र, किसे बनाया जा रहा है और क्या है इसके पीछे का मकसद। दरसअल, मोदी मित्र एक अभियान है जिसका मकसद ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जोड़ना है। भाजपा ने इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के देवबंद से की है, बता दें कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य है। मोदी मित्र अभियान की जिम्मेदारी भाजपा के ही अल्पसंख्यक मोर्चा को दी गई है। मोदी मित्र अभियान को 29 अप्रैल 2023 को लॉन्च किया गया था। यह अगले साल फरवरी तक जारी रहेगा।
क्यों चुना देवबंद को : उत्तर प्रदेश में मोदी मित्र के लिए देवबंद को चुना गया है। दरअसल, देवबंद इस्लामिक शिक्षा के लिहाज से एक बड़ा सेंटर है। यहां अगर मोदी मित्र अभियान सफल रहता है तो भाजपा ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को पार्टी से जोड सकने में भी कामयाब रहेगी।
दिए जा रहे मोदी मित्र प्रमाण पत्र : मोदी मित्र अभियान के तहत 'मोदी मित्र' प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। इन प्रमाण-पत्रों को चुने गए व्यक्ति, पेशेवर या व्यवसायी को दिया जा रहा है, जो पीएम मोदी और उनकी नीतियों में रुचि रखते हैं, भले ही उनका राजनीतिक झुकाव अब तक कुछ भी हो। भाजपा ने इसके लिए 65 मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों का चयन किया है, जहां उनकी आबादी 30 प्रतिशत से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के देवबंद शहर में लगभग 150 मुसलमानों को 'मोदी मित्र' प्रमाण पत्र दिए गए हैं। सभी मोदी मित्रों को दिल्ली में 'मोदी मित्र' कार्यक्रम में बुलाया जाएगा। यहां पीएम मोदी इन्हें संबोधित करेंगे।
मोदी मित्र का मकसद : दरअसल, 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां अभी जहां एक साथ आने की जद्दोजहद कर रही हैं, वहीं बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। बीजेपी लगातार अपनी योजनाओं को लागू कर उन्हें लोगों तक पहुंचा रही है।