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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 (12:10 IST)

Dussehra 2025: रावण ने लक्ष्मण को दी थीं ये 3 अंतिम शिक्षाएं, जो आज भी हैं प्रासंगिक

Vijayadashami 2025
Ravans Gyan to Lakshman: रावण ने अंतिम समय में लक्ष्मण को जो शिक्षाएं दी थीं, वे केवल राजनीति या युद्धनीति तक सीमित नहीं थीं, बल्कि जीवन के गहरे व्यावहारिक और प्रबंधन सिद्धांतों पर आधारित थीं। ये शिक्षाएं आज के आधुनिक जीवन और व्यापारिक जगत में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।ALSO READ: Dussehra ke upay: यह रुपए 100 की चीज दशहरे पर घर लाएं, खुलेंगे किस्मत के ताले
 
जब राम-रावण युद्ध के अंतिम चरण में, तब रावण बाणों से घायल होकर मृत्युशैया पर पड़ा था, तब श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि, 'ज्ञान पाने के लिए शत्रु से भी सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए।' श्रीराम के कहने पर लक्ष्मण ने रावण के पास जाकर उनसे शिक्षा लेने को कहा। तब रावण ने लक्ष्मण को कुछ ऐसी जीवन उपयोगी शिक्षाएं दीं, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। रावण द्वारा लक्ष्मण को दी गई तीन सबसे महत्वपूर्ण शिक्षाएं इस प्रकार हैं:
 
यहां जानें रावण की लक्ष्मण को दी गई 3 महत्वपूर्ण शिक्षाएं:
 
1. शुभ कार्य को तुरंत करना: रावण ने लक्ष्मण से कहा, 'शुभस्य शीघ्रम' (शुभ कार्य में देर नहीं करनी चाहिए)।
 
• मूल शिक्षा: अच्छे और कल्याणकारी काम को जल्दी से जल्दी कर लेना चाहिए। इसमें देर करने से सफलता आपसे दूर जा सकती है या अवसर हाथ से निकल सकता है।
 
• प्रासंगिकता: यह सिद्धांत अवसर प्रबंधन में लागू होता है। यदि आपको कोई अच्छा व्यावसायिक अवसर मिलता है, या कोई नेक काम करने का विचार आता है, तो उसे तुरंत शुरू कर दें। टालमटोल सफलता की सबसे बड़ी दुश्मन है। रावण ने श्री राम को पहचानने और उनकी शरण में जाने में देरी की, जिसका परिणाम उसकी मृत्यु हुई।ALSO READ: Dussehra 2025: दशहरा पर शस्त्र पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करते हैं पूजन?
 
2. शत्रु को कभी छोटा न समझना: रावण ने लक्ष्मण को चेताया, 'अपने शत्रु को कभी छोटा मत समझो। मैंने यही भूल की।'
 
• शिक्षा: रावण ने वानरों और राम को सामान्य मनुष्य समझा, उनकी शक्ति को कम आंका। परिणाम यह हुआ कि साधारण लगने वाले शत्रु ने ही उसका विनाश कर दिया।
 
• प्रासंगिकता: यह शिक्षा प्रतिस्पर्धी विश्लेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यापार या जीवन में, अपने प्रतिद्वंद्वी को कभी कमजोर या तुच्छ नहीं समझना चाहिए। हमेशा उनकी क्षमता का सही आकलन करें और अपनी रणनीति उसी के अनुसार बनाएं। ओवर-कॉन्फिडेंस असफलता की ओर ले जाता है।
 
3. अपने रहस्य किसी को न बताना: रावण ने बताया, 'अपनी शक्ति के रहस्य कभी किसी को नहीं बताने चाहिए, भले ही वह आपका कितना ही प्रिय क्यों न हो।'
 
• शिक्षा: रावण की मृत्यु का रहस्य उसकी नाभि में था, जिसे विभीषण ने राम को बता दिया। रावण ने अपनी सबसे बड़ी कमजोरी अपने भाई को बताई थी।ALSO READ: Dussehra 2025: शमी वृक्ष का पूजन कर मनाएं विजयादशमी, जानें पूजा का महत्व
 
• प्रासंगिकता: यह सिद्धांत रणनीतिक गोपनीयता और व्यक्तिगत सुरक्षा से जुड़ा है। अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण गोल्स/ लक्ष्य, व्यापार की गोपनीय योजनाएं, या अपनी सबसे बड़ी कमजोरियां किसी भी करीबी व्यक्ति को न बताएं, क्योंकि समय बदलने पर यही बातें आपके विरुद्ध इस्तेमाल हो सकती हैं।
 
मृत्यु शैया पर लेटे हुए रावण ने भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को जो शिक्षाप्रद बातें बताईं, वे जीवन को सफल बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये उपदेश हमें बताते हैं कि शुभ कार्य में देरी क्यों नहीं करनी चाहिए और शत्रु को कभी कम आंकना क्यों नहीं चाहिए। ये रावण की सीख आज भी व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन में सफलता के लिए प्रासंगिक हैं। 
 
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