Vijayadashami Remedies: दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। खास तौर पर दशहरे का दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत, जैसे- नया व्यवसाय, नया घर, नई गाड़ी के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह 'विजय' का मुहूर्त होता है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस पवित्र दिन पर कुछ विशेष शुभ वस्तुएं घर लाना देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने और सुख-समृद्धि को स्थायी बनाने का अचूक तरीका है।
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दशहरे पर घर में लाई जाने वाली 5 शुभ वस्तुएं
1. शमी वृक्ष का पत्ता या पौधा: शमी वृक्ष को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है और यह भगवान राम का प्रिय वृक्ष है। महाभारत के युद्ध से पहले पांडवों ने भी अपने अस्त्र-शस्त्र शमी वृक्ष में छिपाए थे।
- कैसे लाएं: दशहरे के दिन शमी के पत्ते लाकर देवी-देवताओं को अर्पित करें। ऐसा करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है और कानूनी अड़चनें दूर होती हैं।
2. कुमकुम, चावल और मौली: ये तीनों वस्तुएं देवी पूजा और सभी मांगलिक कार्यों का अभिन्न अंग हैं। इन्हें घर लाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- कैसे लाएं: ये सामग्री विशेष रूप से खरीदकर पूजा स्थान पर रखें और अगले दिन की पूजा में उपयोग करें।
3. झाड़ू: झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह घर की गंदगी (नकारात्मकता) को साफ करती है। शुभ दिन पर नई झाड़ू लाना दरिद्रता का नाश करता है।
- कैसे लाएं: दशहरे के दिन एक नई झाड़ू खरीदकर लाएं और उसका प्रयोग करने से पहले पूजा कर लें। ध्यान रहे कि झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए।
4. मिट्टी का घड़ा या कलश. खाली घड़ा समृद्धि को आमंत्रित करता है। यह पवित्रता और नवजीवन का प्रतीक है। घर में इसे रखने से बरकत आती है।
5. धातु का हाथी: फेंगशुई और भारतीय वास्तु दोनों में ही हाथी को धन, शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- कैसे लाएं: यदि संभव हो, तो चांदी या पीतल का एक छोटा हाथी खरीदकर लाएं और उसे घर के उत्तर दिशा में रखें। इससे आर्थिक उन्नति होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
अत्यंत शुभ माने जाने वाले कार्य:
• अस्त्र-शस्त्र और उपकरण की पूजा: दशहरे के दिन अपने व्यापार से जुड़े उपकरणों, औजारों और वाहनों की पूजा अवश्य करें। यह कार्यक्षेत्र में सफलता और सुरक्षा लाता है।
• अपराजिता की पूजा: इस दिन अपराजिता (नीले फूल) के पौधे की पूजा करना विशेष फलदायी होता है, क्योंकि यह विजय और सफलता का प्रतीक है।
• गरीबों को भोजन: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या दान करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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