नई दिल्ली। दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में रहने वाले 22 वर्षीय नावेद खान को उसके मोबाइल फोन पर व्हाट्सऐप के जरिये एक संदेश मिला, जिसमें लिखा था कि क्या आप मेरे साथ रोमांस करना चाहेंगे? हां या ना में जवाब दीजिए। खान ने जैसे की हां में जवाब दिया, उसे एक लड़की ने वीडियो कॉल किया, जिसने खुद को आगरा की रहने वाली पूजा बताया।
खान ने पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत में कहा, 'उसने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और मुझे भी पतलून उतारने को कहा। मैंने अपने कपड़े पूरी तरह नहीं उतारे, लेकिन उसने इसे रिकॉर्ड कर लिया। बाद में मुझे व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि वे मेरी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया साइट पर डालने वाले हैं।'
खान ने कहा, 'मैंने डर के कारण अपने फोन से व्हाट्सऐप हटा दिया और सभी सोशल मीडिया खातों को भी डिलीट कर दिया, लेकिन अगले दिन मुझे एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने मुझसे कहा कि वह दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ का अधिकारी है। उसने कहा कि उसे मेरे खिलाफ एक शिकायत मिली है, जिसके आधार पर वह वारंट जारी करने वाला है।'
शिकायत के मुताबिक, खुद को साइबर प्रकोष्ठ का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने खान से वीडियो कॉल करने को कहा, जिसके कारण उसने अपने फोन में व्हाट्सऐप फिर से डाउनलोड किया और उससे बात की। बाद में उस व्यक्ति ने वीडियो डिलीट कराने में मदद पाने के लिए खान से मोनू पांचाल नाम के व्यक्ति से संपर्क करने को कहा।
शिकायत के अनुसार, जब खान ने पांचाल को फोन किया, तो उसने इस काम के लिए 21,800 रुपये मांगे। उसने यह भी वादा किया कि यह धन बाद में लौटा दिया जाएगा।
खान ने अपनी शिकायत में कहा, 'पांचाल ने मुझे एक्सिस बैंक के एक खाते का विवरण भेजा, जो जतिन कुकरेजा के नाम पर था। मैंने पैसे भेज दिए, लेकिन मुझसे उतनी ही राशि तीन बार यानी कुल 64,500 रुपये भेजने को कहा गया, क्योंकि तीन और वीडियो भी डिलीट करने थे। मुझे यह राशि एचडीएफसी बैंक के एक अन्य खाते में जमा करने को कहा गया, जो रामगोपाल के नाम पर था।'
खान के पास कुछ समय बाद फिर से पांचाल का फोन आया। पांचाल ने कहा कि उसने साइबर प्रकोष्ठ अधिकारी को इस मामले को लेकर एक ईमेल लिखा है और खान को अधिकारी से बात करनी चाहिए। मैंने जब साइबर प्रकोष्ठ के अधिकारी को फोन किया, तो उसने मुझसे डेढ़ लाख रुपये और मांगे। मेरे अनुरोध करने पर उसने रकम कम कर दी और मैंने उसे पैसे दे दिए, लेकिन वह बार-बार और रकम मांगने लगा।
खान ने कहा कि उसके पास पुलिस में मामला दर्ज कराने के सिवा कोई चारा नहीं बचा। पुलिस ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। साइबर प्रकोष्ठ ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है और अपराधियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। जांचकर्ताओं ने कहा कि रिकॉर्ड किए गए अश्लील वीडियो दिखाकर लोगों को फंसाना और पैसे ऐंठना साइबर अपराधियों का आम हथकंडा बन गया है। (भाषा)