गुरुवार, 21 नवंबर 2024
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Written By अविचल शर्मा

2023 में टेस्ट में बेस्ट नहीं बन पाया भारत, पुराने के करियर का हुआ अंत

2023 में टेस्ट में बेस्ट नहीं बन पाया भारत, पुराने के करियर का हुआ अंत - India misses second chance to earn ICC mace as Pujara and Rahane runs out of favours
टेस्ट क्रिकेट में एक बार विश्व टेस्ट चैंपियन बनने का खिताब खो चुकी भारतीय टीम को इस दुबारा मौका मिला लेकिन इस मौके को भी वह नहीं भुना पाई। फर्क बस इतना रहा कि इस बार न्यूजीलैंड की जगह उसे उसके पड़ोसी मुल्क ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा।

भारतीय टीम ने इस साल कुल 8 टेस्ट मैच खेले इसमें से तीन में से उसे जीत मिली, 3 मैचों में उसे हार मिली और 2 मैच ड्रॉ हुए। इसमें से एक टेस्ट हार भारत को पारी से मिली। करीब 2 साल बाद भारत टेस्ट मैचों में पारी से हारा।जान लेते हैं कि इस बार भारतीय टीम का टेस्ट में टेस्ट कैसा हुआ?

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी रही भारत के पास

9 फरवरी से 13 मार्च के बीच भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली गई। यह जून में होने वाली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का सेमीफाइनल माना जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज में 1 तो भारत को कम से कम 2 मैच जीतने थे। लेकिन भारत को यह भी आशा रखनी थी कि न्यूजीलैंड गई श्रीलंका कम से कम 1 मैच हारे, न्यूजीलैंड ने सीरीज जीतकर आखिरी दिन भारत का काम आसान किया।

बहरहाल यह सीरीज शुरुआत में बेहद एकतरफा लग रही थी। स्पिन लेती पिचों पर टीम इंडिया ने कंगारुओं का बुरा हाल किया। नागपुर टेस्ट में भारत 1 पारी और 132 रनों से जीता तो दिल्ली टेस्ट में 6 विकेट से जीत पाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के स्थायी कप्तान पैट कमिंस को बीमार मां के लिए स्वदेश जाना पड़ा जिनका बाद में देहांत भी हो गया।

टीम की बागडोर पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ के हाथ में आई। इंदौर टेस्ट में घूमती हुई पिच का दांव भारत को ही उल्टा पड़ गया और टीम को 9 विकेटों से हार मिली। इस हार के बाद टीम प्रबंधन ने अहमदाबाद की पिच सपाट बनवाई और वह टेस्ट ड्रॉ रहा।

अँतिम टेस्ट में विराट कोहली के टेस्ट शतक का 4 साल लंबा इंतजार खत्म हुआ। उन्होंने भारत की ओर से सर्वाधिक 297 रन बनाए हालांकि सीरीज में उस्मान ख्वाजा  333 रनों के साथ अव्वल रहे। गेंदबाजी में भारत के रविचंद्रन अश्विन ने 25 विकेट चटकाए।

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत से लिया गाबा का बदला  

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अगर स्थितियां भारत के पक्ष में थी तो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में यह ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में थी। 7 से 11 जून तक खेले गए इस फाइनल में इंग्लैंड के ओवल मैदान पर  2021 में गाबा पर हुई का बदला ले लिया जब पंत की आतिशी पारी से भारत ने 300 से ज्यादा अंतिम दिन चेस कर डाले थे।


टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम 469 रन बनाए जिसके जवाब में भारत की टीम 296 रन बना सकी। पहली पारी में 173 रनों की बढ़त लेकर उतरी ऑ्स्ट्रेलिया ने दूसरी पारी 260 रनों पर घोषित कर दी। 444 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम महज 234 रन ही बना सकी। ऑस्ट्रेलिया 209 रनों से खिताबी मुकाबला जीत गई और 163 रन बनाने वाले ट्रैविस हेड को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

बेहतरीन शुरुआत मिलने के बाद भी भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया पर पहली पारी में नकेल नहीं कसी जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया खेल में लगातार आगे दिखी। बल्लेबाजी में भी टीम इंडिया ने निराश किया। अगर अजिंक्य रहाणे 89 और शार्दुल ठाकुर 51 रन नहीं बनाते तो टीम को फाइनल में फोलो ऑन की शर्मिंदगी झेलनी पड़ती।

सबसे ज्यादा निराश चेतेश्वर पुजारा ने किया जिनके दोनों पारियों में रन नहीं आए। पहली पारी में उन्होंने 17 तो दूसरी पारी में 27 रन बनाए। वह इस मैच की तैयारी के  लिए ही  महीनों से इंग्लैंड में काउंटी खेल रहे थे। लेकिन कुछ फायदा नहीं दिखा।

इस मैच में भारतीय टीम ने चोट के कारण शामिल नहीं हुए खिलाड़ी जैसे ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह और श्रेयस अय्यर को काफी मिस किया। लेकिन यह हार का बहाना नहीं हो सकता।

कैरिबियाई दौरे पर चेतेश्वर पुजारा की जगह ली यशस्वी जायवाल ने

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की हार के बाद भारतीय टेस्ट टीम में धीरे धीरे कर बदलाव होने शुरु हुए और पहला बलि का बकरा चेतेश्वर पुजारा बने। युवा यशस्वी जायवाल  को उनकी जगह चुना गया हालांकि वह कैरिबियाई दौरे पर सलामी बल्लेबाज रहे।

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में यशस्वी जायवाल दोहरा शतक भले ही चूक गए हों लेकिन वह पहले टेस्ट में शतक लगाकर चयनकर्ताओं के फैसले पर मुहर लगा गए।12 जुलाई से शुरु हुए इस दौरे में पहला टेस्ट भारतीय टीम ने मेजबान वेस्टइंडीज से एक पारी और 141 रनों से जीता। दूसरा मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया। इस मैच में विराट कोहली ने शतक जड़ा।

टीम इंडिया ने इस दौरे पर केएस भरत की जगह ईशान किशन को मौका दिया जिन्होंने भारत की ओर से किसी भी विकेटकीपर द्वारा सबसे तेज टेस्ट अर्धशतक लगाया।

दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट दौरे पर नहीं मिली रहाणे को जगह

15 महीने बाद सिर्फ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में टीम इंडिया से जुड़ने वाले अजिंक्य रहाणे को दक्षिण अफ्रीका दौरे से बाहर कर दिया गया। हालांकि टीम ने रोहित शर्मा को कप्तान बनाए रखा है और विराट कोहली को भी टीम में शामिल कर रखा है लेकिन अजिंक्य रहाणे शायद अपने समकालीन चेतेश्वर पुजारा की तरह ही दूसरा बलि का बकरा बने। शायद टेस्ट टीम में खेलते हुए दोनों को ही फैंस ने इस साल आखिरी बार देख लिया। 

बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत को मिली पारी से हार

डीन एल्गर के बड़े शतक और मार्को यानसन के साथ उनकी शतकीय साझेदारी के बाद नांद्रे बर्गर की अगुआई में गेंदबाजों के तूफानी प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीका ने पहले क्रिकेट टेस्ट के तीसरे ही दिन गुरुवार को यहां भारत को पारी और 32 रन से हराकर दो मैच की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनाई।

पहली पारी में 163 रन से पिछड़ने के बाद भारत दूसरी पारी में बर्गर (33 रन पर चार विकेट), यानसन (36 रन पर तीन विकेट) और कागिसो रबादा (32 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने सिर्फ 34.1 ओवर में 131 रन पर ढेर हो गया जिससे दक्षिण अफ्रीका में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने का उसका सपना भी टूट गया।

भारत की ओर से विराट कोहली (82 गेंद में 76 रन, 12 चौके, एक छक्का) ही टिककर बल्लेबाजी कर पाए। वह आउट होने वाले अंतिम बल्लेबाज रहे। उनके अलावा शुभमन गिल (26) ही दोहरे अंक में पहुंच पाए।

दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले सलामी बल्लेबाज एल्गर (287 गेंद में 185 रन, 28 चौके) और करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले यानसन (147 गेंद में नाबाद 84, 11 चौके, एक छक्का) के बीच छठे विकेट की 111 रन की साझेदारी से पहली पारी में 408 रन बनाए।भारत ने पहली पारी में 245 रन बनाए थे।

साल में दो बार 1 ही सत्र में गंवाए 7 विकेट

साल 2023 में दो बार भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह सिमट गई। कुल 2 बार भारत ने टेस्ट मैच के एक ही सत्र में 7 विकेट गंवाए। जून 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के अंतिम दिन पर भारतीय बल्लेबाजी ढह गई थी।

जीत के लिये 444 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 3 विकेट पर 164 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन विराट कोहली (49), रविंद्र जडेजा (0) और अजिंक्य रहाणे (43) टीम को जीत तक नहीं ले जा सके।भारत ने आखिरी दिन पहले ही सत्र में सात विकेट 70 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में 234 रन पर सिमट गई ।

गौरतलब है कि चौथे दिन चाय से पहले भारत ने 41 रनों पर 1 विकेट और फिर अंत के सत्र में शानदार और आक्रामाक बल्लेबाजी के दम पर 2 विकेट खोकर 120 रन बनाए थे। पांचवे दिन टीम को जीत के लिए 280 रनों की दरकार थी लेकिन टीम सिर्फ 70 रन बनाकर आउट हो गई।

इसके बाद साल के अंत में सेंचुरियन में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के 163 रनों से पीछे  भारतीय टीम ने मैच के तीसरे दिन के दूसरे सत्र में ही 3 बड़े विकेट 52 रनों पर गंवा दिए। चाय के सत्र में बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने अंतिम 7 विकेट सिर्फ 79 रनों पर गंवा दिए और मैच तीसरे दिन ही गंवा बैठी। यह साल में दूसरी बार हुआ जब भारत ने 7 विकेट एक ही सत्र में गंवा दिए।