वैक्सीन लगने से अब ऑफलाइन पढ़ाई रहेगी जारी, टीकाकरण के बाद बोले बच्चे, अब तक 7 लाख से अधिक वैक्सीनेशन
भोपाल। आज से देश में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। 15-18 आयुवर्ग के 8 करोड़ बच्चों में जिसमें करीब साढ़े 6 करोड़ स्कूली बच्चे भी शामिल है को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। 15-18 आयु वर्ग के बच्चों को केवल को-वैक्सीन ही दी जाएगी। वैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जानी है। देश के हर राज्य में वैक्सीनेशन महाअभियान शुरू हो चुका है और राज्यों ने पूरे हौसले के साथ बड़े बड़े लक्ष्य रखे हैं।
मध्यप्रदेश ने पहले ही दिन 12 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखकर 20 जनवरी तक सभी पात्र करीब 49 लाख बच्चों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है। राजधानी के सुभाष स्कूल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ किया। प्रदेश में शाम पांच बजे तक सात लाख से अधिक बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका था।
वहीं लंबे इंतजार के बाद वैक्सीन लगने से बच्चे काफी खुश नजर आए। सुभाष स्कूल में वैक्सीन लगवाने वाले क्लास 10वीं के छात्र अस्मित भार्गव ने कहा कि वह टीका लगवाकर खुश हैं। पिछले वर्ष लॉकडाउन लगने से स्कूल में ऑफलाइन कक्षाएँ नहीं लगी और परीक्षाएँ भी नहीं हुई। इससे उन्हें निराशा हुई थी। अब कोविड टीका लगने से कोरोना पर नियंत्रण रहेगा। ऑफलाइन क्लासेस भी लगेंगी और परीक्षाएँ भी होंगी।
सुभाष स्कूल के ही कक्षा 11वीं के छात्र कार्तिक सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवाकर वह खुश महसूस कर रहे हैं। कार्तिक ने कहा कि सभी को कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहिए। वहीं सुभाष स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 11 की छात्रा कुमारी रचना राजपूत ने वैक्सीन लगवाने के बाद कहा कि अब कोरोना नहीं फैलेगा और उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी। समय पर ऑफलाइन परीक्षा होगी।
सुभाष स्कूल के ही कक्षा 10वीं के छात्र पलाश बिरगैया और कुमारी प्रांजल यदुवंशी ने वैक्सीन लगने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अब नियमित कक्षाओं में पढ़ने को मिलेगा और परीक्षाएँ भी होंगी। सरकार का बच्चों को वैक्सीन लगवाने का निर्णय बहुत अच्छा है।
48 लाख बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन- मध्यप्रदेश में 15-18 साल तक के बच्चों का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हो रहा है। प्रदेश में 8 हजार 667 केंद्रों पर 15-18 वर्ष तक बच्चों को कोवैक्सीन लगाई जा रही है। शहर के साथ-साथ गांव के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में टीकाकरण का कार्यक्रम चल रहा है। वहीं दूसरे चरण में आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से भी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिससे ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे है उनको चिन्हित कर उनका भी टीकाकरण हो सके।