आमतौर पर हम कुछ खास मौकों पर या नॉस्टेल्जिया में ही अपनी पुरानी यादों को टटोलते हैं, तस्वीरें देखते हैं, चिट्टियां पढ़ते हैं और शादी के फोटो और वीडियोज देखते हैं।
कभी आपने ध्यान दिया होगा कि ऐसा करने पर हम अपने अतीत के के उत्साह से भर जाते हैं, जैसे हम ‘टाइम मशीन’ को पीछे मो
ड़कर वहां चले गए हैं, जहां, जिस जगह वो खूबसूरत पल हमने कभी जिए थे। यह नॉस्टेल्जिया हमें रिफ्रेश कर देता है, ताजा कर देता है और अपने परिवार के साथ हमारी बॉडिंग को फिर से बढ़ा भी देता है।
वक्त की भागा दौड़ी में ऐसे मौके कम ही आते हैं, लेकिन दुनिया में पसरे कोरोना वायरस से लड़ने के इस समय में हमें एक बार फिर से पुरानी यादों को टटोलने का मौका मिला है।
वायरस से लड़ने और जिंदा रहने के जज्बे के बीच अगर हम अपने परिवार वालों के साथ पुरानी यादों को एक साथ जिएंगे तो हमें जिंदगी का उत्साह भी मिलेगा और इस संकट के दौर में सकारात्मकता भी पैदा होगी।
करना आपको सिर्फ इतना ही है कि अपनी, या अपने परिवार के सदस्य की शादी, कोई जन्मदिन या कोई खास मौके के फोटोग्राफ्स और वीडियो अलमारी में से खोजना है और पूरे परिवार के साथ देखना है।
किसी जमाने में किसी अपने की आई चिट्ठी को खोलकर एक बार फिर से पढ़ ली जाए।
अपने बच्चों के बर्थडे के मौकों के फोटो और वीडियो पर नजर डाल लीजिए, इससे इस संकट के दौर में आपको भी और बच्चों को भी खुशी मिलेगी।
अगर आपने लंबे समय से अपने हनीमून ट्रीप के फोटो नहीं देखे और वीडियोज को नहीं छुआ है तो वो भी एक बार निकालकर रिकॉल कर लीजिए, इससे एक बार फिर से आप अपने उस खूबसूरत और मेमोरेबल मोमेंट में चले जाएंगे।
या किसी दिन अपने पेट या डॉग के बचपन की मस्ती की फोटो और वीडियो निकालकर खुद को एनर्जी से भर दीजिए।
दरअसल, इस नॉस्टेल्जिया का मकसद सिर्फ इतनाभर है कि कोरोना वायरस के संकट में चारों तरफ पसरी नकारात्मकता को दूर कर देना है। हमें खुद को अपने अपने परिवार में जीने का उत्साह भरना है और सोशल
डिस्टेंसिंग रखकर इस वायरस को हराना है।
इतना कीजिए, कोई वायरस कभी आपके परिवार पर अटैक नहीं करेगा।