कावड़ियों की तरह हो प्रवासी मजदूरों की सेवा, उमा भारती की मांग, राज्यों के बीच दिख रही तालमेल की कमी
सड़क हादसों में लगातार मजदूरों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मजदूरों के पैदल,निजी साधनों या ट्रकों से राज्य की सीमा पर रोक लगाने के फैसले के बाद मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर कई जगह स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। उत्तर प्रदेश से सटे मध्यप्रदेश के जिलों में बड़ी संख्या में मजदूर फंसे हुए है और कहीं –कहीं उनके सब्र का बांध भी अब टूटने लगा है।
ऐसे मे मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती अब प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर आगे आई है। उमा भारत ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर दुख जताते हुए कावड़ियों की तरह प्रवासी मजदूरों की सेवा करने की बात कही है। इसको लेकर उमा भारती ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों को पत्र भी लिखा है। उमा भारती ने अपने पत्र में मजदूरों के लिए ठीक उसी तरह की व्यवस्था करने की बात कही है जैसे शिवजी के अभिषेक के लिए गंगाजल लाने वाले कावड़ियों के लिए होती है।
उमा भारती ने कहा कि कुछ दिनों से पूरे देश के कुछ बड़े राज्यों के मजदूर वर्ग मध्य प्रदेश के दतिया, शिवपुरी एवं उत्तर प्रदेश के झांसी से होते हुए अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। उत्तर प्रदेश का झांसी पिछले वर्ष तक मेरा संसदीय क्षेत्र रहा है उसके पहले टीकमगढ़-छतरपुर मेरा संसदीय क्षेत्र रहा है तथा झांसी एवं मध्य प्रदेश के जिले आपस में लगे हुए हैं जिसके कारण मैं इन स्थानों का भूगोल ठीक से समझती हूं इससे मुझे वहां की कठिनाई भी समझ में आ रही है।
दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान सब तरफ काम करने वाले मजदूर हजारों में नहीं लाखों की संख्या में झांसी के आसपास से अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं। आपकी सरकार पूरी तरह से उनके लिए चिंतित हैं तथा आप व्यवस्थाओं में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते ऐसा दिखता भी है।
लाखों मजदूर कठिनाइयों में है तथा जरा सी चूक से सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। ऐसे में जरूरही है कि मजदूरों को लेकर समन्वय होना चाहिए। मजदूरों के लिए रास्ते में रूकने के लिए ऐसे स्थान बने जहां इन्हें बड़ी संख्या में रोक जा सके,रास्ते भर भोजन पानी का इंतजाम होना चाहिए जैसे कि कावड़ियों के लिए होता है। सभी राजनीतिक दलों एवं भाजपा के कार्यकर्ता रास्तों में इन्हें रोककर कोरोना के सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इनकी देखभाल कर सकते हैं।
खाली सड़कों पर दुर्घटना होना एवं लोगों का मरना इसका कारण है कि बसों के ड्राइवर थके हुए एवं जगे हुए हैं इसलिए रात को 10 बजे से सुबह 5 बजे तक इनको एक ही जगह पर रोककर पहले सोने एवं खाने की व्यवस्था करनी चाहिये तथा स्वच्छता मिशन के अंतर्गत सस्ते दर पर अस्थाई शौचालय बनाकर महिलाओं के लिए इंतजाम करना चाहिये ।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के उन स्थानों के उन जिलों के कमिश्नर एवं कलेक्टर मेरे तेरे की बात न करें क्योंकि समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ही उन्हें जकड़न से मुक्त करना होगा क्योंकि ऐसा नहीं होने के जो परिणाम आ रहे वह मुझे अपने हृदय में महसूस हो रहे हैं तथा मेरी तरह पूरे देश के सभी संवेदनशील लोग हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत मजदूर वर्ग के लिए चिंतित हैं।