An Action Hero Review फिल्म समीक्षा: आपदा को अवसर बनाता एन एक्शन हीरो
आपदा को अवसर बनाने का मंत्र बहुत चर्चित हुआ है और फिल्म 'एन एक्शन हीरो' का हीरो, जो कि फिल्मों का सुपर सितारा है, गले पड़ी मुसीबत को मौका बनाने से नहीं चूकता। रील लाइफ का यह स्टार रियल लाइफ में भी स्टार बन कर उभरता है। अलग-अलग किरदार निभाने वाले आयुष्मान खुराना ने इस बार लार्जर देन लाइफ रोल किया है जिसमें सलमान-अक्षय टाइप एक्शन उन्हें करने को मिला है।
हरियाणा में सुपरस्टार मानव (आयुष्मान खुराना) शूटिंग कर रहा है। भूरा (जयदीप अहलावत) नामक पार्षद का अक्खड़ भाई विक्की, मानव के साथ फोटो खिंचाने की जिद कर शूटिंग वाले स्थान के बाहर बैठा है। घंटों का इंतजार उसके ईगो को हर्ट कर रहा है। मानव बिना फोटो खिंचाए ही अपनी नई कार में घूमने के लिए निकल जाता है। विक्की अपनी गाड़ी मानव की कार के पीछे लगा देता है। उसे रोक कर बदतमीजी करता है।
मानव के धक्के से विक्की पत्थरों पर गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है। फिल्मों का दबंग स्टार मानव रियल लाइफ में हुए इस एक्शन सीन से घबरा जाता है। घबराहट में उसे नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े याद आते हैं और वह भी लंदन भाग जाता है।
अपने भाई की मौत से भूरा का ईगो हर्ट होता है। भाई के अंतिम संस्कार के पहले ही वह मानव की खोज में लंदन पहुंचता है क्योंकि पुलिस के पहले वह अपने हाथों से मानव का काम तमाम करना चाहता है।
इंग्लैंड में भूरा और मानव का चूहा-बिल्ली का जो खेल चलता है वो मजेदार है। जोरदार चेजिंग सीन और फाइट सीन देखने को मिलते हैं जो दर्शकों को रोमांचित करते हैं। अब भूरा, इंग्लैंड में बंदूक कैसे ले आया या इतनी जल्दी वह इंग्लैंड कैसे पहुंच गया, जैसे सवाल दर्शकों के दिमाग में उठते जरूर हैं, लेकिन रोमांच की आड़ में इन्हें इग्नोर किया जा सकता है।
मानव एक खूनी है जैसी बातें मीडिया के पास पहुंच जाती हैं। निर्देशक और लेखक ने मीडिया को खूब लताड़ लगाई है। कैसे अजीब से और चिल्लाने वाले एंकर मानव का मीडिया ट्रायल शुरू करते हैं ये हम सचमुच में देख चुके हैं। इन टीवी एंकर्स को देख यह पता करना मुश्किल बिलकुल नहीं है कि किनका मजाक बनाया जा रहा है। हां, ये बात जरूर है कि इस तरह के दृश्यों की फिल्म में अति कर दी गई है।
फिल्म में जब मसूद अहमद काटकर नामक डॉन वाला ट्रैक आता है तो तेजी से भागती फिल्म हांफने लगती है। भूरा वर्सेस मानव की कहानी में मसूद, कादिर जैसे कैरेक्टर्स जोड़े गए हैं जो फिल्म की स्पीड में बाधक बनते हैं। यहां पर जरूरत महसूस होती है रोमांच भरे ट्विस्ट की, मजेदार और खतरनाक कैरेक्टर्स की, जो फिल्म के लेखक पूरी नहीं कर सके।
एन एक्शन हीरो की कहानी और निर्देशन का भार उठाया है अनिरुद्ध अय्यर ने। लेखक की बजाय वे बेहतर निर्देशक साबित हुए हैं। निर्देशक के बतौर वे अपना काम अच्छे से जानते हैं और फिल्म के तकनीकी पहलू पर उनकी खासी पकड़ है। जब तक फिल्म में कहानी हावी नहीं होती, तब तक यह मजेदार है।
अनिरुद्ध ने बैकग्राउंड म्यूजिक का अच्छे से उपयोग किया है और भूरा तथा मानव के किरदारों को इस तरह से पेश किया है कि ये दर्शकों के साथ सीधा कनेक्शन बनाते हैं। इनकी नोकझोक बढ़िया लगती है। बात तब और मजेदार हो जाती जब फिल्म का सेकंड हाफ अनिरुद्ध बतौर लेखक संभाल लेते। मसूद का किरदार उन्होंने दिलचस्प बनाने की कोशिश जरूर की है, लेकिन बात नहीं बन पाई। कादिर और साई वाली बातें अधूरी सी लगती हैं।
फिल्म की सिनेमाटोग्राफी और एक्शन सीन बढ़िया हैं। इंग्लैंड में फिल्म को शानदार तरीके से फिल्माया गया है। बैकग्राउंड म्यूजिक रोमांचित करता है और फिल्म के कुछ गीत कहानी को आगे बढ़ाते हैं। ब्लॉकबस्टर सांग 'आप जैसा कोई' (कुर्बानी) का रिमिक्स कर इसका मर्डर कर दिया गया है। नीरज यादव के संवाद सटीक हैं।
संशय था कि आयुष्मान खुराना एक्शन हीरो के किरदार में जमेंगे या नहीं, जिसका सकारात्मक जवाब आयुष्मान ने दिया है। उनके एक्शन सीन अच्छे लगते हैं जो थोड़े ड्रामैटिक रखे गए हैं। एक्टर तो वे अच्छे हैं ही। भूरा के किरदार जयदीप अहलावत जबरदस्त लगे हैं। उनका डील-डौल उनके किरदार को निखारता है। हरियाणवी पहलवान के रूप में वे छा जाते हैं। छोटे-छोटे किरदारों में अन्य कलाकारों का अभिनय भी उम्दा है। नोरा फतेही और मलाइका अरोरा के आइटम नंबर्स हैं और अक्षय कुमार का कैमियो अपियरेंस है।
कुछ फिल्में 'टाइम पास' कैटेगरी की होती है और 'एन एक्शन मूवी' भी इसी कैटेगरी की है।
बैनर : टी-सीरिज फिल्म्स, कलर येलो प्रोडक्शन्स प्रा.लि., स्टार फिल्म एंड एंटरटेनमेंट
निर्माता : भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, आनंद एल राय
निर्देशक : अनिरुद्ध अय्यर
संगीत : पराग छाबड़ा, तनिष्क बागची, बिद्दू, अमर जलाल, फरीदकोट