बचपन से एक्टर बनना चाहते थे सनी देओल, रोमांटिक फिल्मों से रखा था इंडस्ट्री में कदम
बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल आज 67 साल के हो गए हैं। 19 अक्टूबर 1957 को जन्में सनी देओल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता धर्मेन्द्र हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण सनी अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे।
सनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के मशहूर ओल्ड बेव थियेटर में अभिनय की शिक्षा पूरी की। सनी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अपने पिता की निर्मित फिल्म 'बेताब' से की। साल 1983 में राहुल रवैल के निर्देशन में युवा प्रेम कथा पर बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।
फिल्म 'बेताब' की सफलता के बाद सनी को 'सोहनी महिवाल', 'मंजिल मंजिल', 'सनी', 'जबरदस्त' जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला लेकिन इनमें से कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं हो सकी। साल 1985 में सनी को एक बार फिर राहुल रवैल के निर्देशन में बनी फिल्म 'अर्जुन' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई।
फिल्म की सफलता के साथ ही सनी देओल एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोई हुई पहचान बनाने में कामयाब हो गए। फिल्म अर्जुन की सफलता के बाद सनी देओल की छवि एंग्री यंग मैन स्टार के रूप में बन गई। इस फिल्म के बाद निर्माता निर्देशकों ने अधिकतर फिल्मों में सनी देओल की इसी छवि को भुनाया। इन फिल्मों में 'सल्तनत', 'डकैत', 'यतीम', 'इंतकाम', 'पाप की दुनिया' जैसी फिल्में शामिल हैं।
साल 1990 में रिलीज फिल्म 'घायल' सनी के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए सनी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। साल 1991 में रिलीज फिल्म 'नरसिम्हा' भी सनी के सिने करियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। एन. चंद्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सनी देओल का किरदार पूरी तरह ग्रे शेडस लिए हुए था। इसके बावजूद वह दर्शकों की सहानुभूति पाने में कामयाब हुए और अपने दमदार अभिनय से फिल्म को सुपरहिट बना दिया।
1993 में रिलीज फिल्म 'दामिनी' सनी के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। यूं तो यह पूरी फिल्म अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री के इर्द गिर्द घूमती है लेकिन सनी ने अपनी विशिष्ट संवाद अदायगी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए।
साल 1993 से 1996 तक सनी देओल के करियर के लिए बुरा वक्त साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं हो सकी। साल 1997 में रिलीज फिल्म 'बॉर्डर' और 'जिदी' की कामयाबी के बाद सनी फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर अपनी खोई हुई पहचान पाने में कामयाब हो गए। 'बॉर्डर' में उन्होंने महावीर चक्र विजेता मेजर कुलदीप सिंह के किरदार में जान डाल दी थी।
साल 1999 में सनी ने फिल्म 'दिल्लगी' के जरिए निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। 2001 में रिलीज फिल्म 'गदर एक प्रेम कथा' सनी देओल के सिने करियर की सर्वाधिक सुपरहिट साबित हुई। देश भक्ति के जज्बे से परिपूर्ण यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद की गई। साथ ही ऑल टाइम सुपरहिट फिल्म में शुमार हो गई।
सनी ने अपने सिने करियर में अब तक 100 फिल्मों में अभिनय किया है। सनी देओल गुरदासपुर संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। सनी आज भी उसी जोशोखरोशो के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है। सनी देओल की 'गदर 2' बीते साल रिलीज हुई है। गदर 2 ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार 525 करोड़ की कमाई की।