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Last Modified: बुधवार, 3 जनवरी 2024 (16:25 IST)

'The Bull' के लिए सलमान खान कर रहे जमकर मेहनत, रोजाना ले रहे 3.5 घंटे की कड़ी ट्रेनिंग

फिल्म में ब्रिगेडियर बुलसारा का किरदार निभाने के लिए सलमान खान को कड़ी फिजिकल ट्रेनिंग से गुजरना पड़ रहा है।

salman khan will work hard for film the bull with paramilitary training - salman khan will work hard for film the bull with paramilitary training
  • द बुल के लिए सलमान लेंगे पैरामिलिट्री ट्रेनिंग
  • फिल्म में सलमान ब्रिगेडियर फारुख बुलसारा से प्रेरित भूमिका निभाएंगे
  • फिल्म का निर्देशन विष्णु वर्धन करेंगे
Film The Bull: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने साल 2023 में अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'टाइगर 3' के साथ दिवाली सीज़न पर राज किया। इसने वास्तव में सुपरस्टार को स्क्रीन पर वापस देखने के लिए दर्शकों के उत्साह को बढ़ा दिया है। वहीं अब सलमान अपनी आने वाली फिल्म 'द बुल' को लेकर सुर्खियों में हैं।
 
सलमान खान जल्द ही करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस के साथ उनकी अगली फिल्म 'द बुल' में नजर आने वाले हैं। टीम ने 29 दिसंबर को मुंबई में महूरत शॉट शुरू किया और सुपरस्टार व्यापक शारीरिक तैयारी से गुजर रहे हैं, यहां तक कि पैरामिलिट्री फोर्सेज के साथ ट्रेनिंग भी ले रहे हैं।
 
फिल्म से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, सलमान खान ब्रिगेडियर फारुख बुल्सारा का किरदार निभाएंगे, जिन्होंने 1988 में मालदीव में ऑपरेशन कैक्टस का नेतृत्व किया था। वह अपकमिंग धर्मा प्रोजेक्ट में एक पैरामिलिट्री ऑफिसर होंगे, जिसकी शूटिंग फरवरी में शुरू होगी। 
फिल्म में ब्रिगेडियर बुलसारा का किरदार निभाने के लिए सलमान खान को कड़ी फिजिकल ट्रेनिंग से गुजरना पड़ रहा है। किरदार में पूरी तरह से ढलने के लिए सुपरस्टार रोजाना 3.5 घंटे की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसके साथ ही सोर्स ने बताया कि उनकी डाइट में मामूली बदलाव किए गए है।
 
इस ट्रेनिंग में विभिन्न किस्म के योग अभ्यास के साथ, दौड़ना, ज्यादा वजन के साथ अभ्यास, तैराकी और सर्किट ट्रेनिंग समेत कई चीजें शामिल हैं।
 
विष्णु वर्धन निर्देशित फिल्म 'द बुल' ऑपरेशन कैक्टस की कहानी पेश करेगी जिसमें 3 नवंबर, 1988 को इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने मालदीव की मदद की थी, जब बिजनेसमैन अब्दुल्ला लुथुफी और पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम (प्लॉट) के नेतृत्व में तख्तापलट की कोशिश की गई थी। भारतीय सेना ने कुशलतापूर्वक अनेको सैनिकों को मार गिराया और कुछ ही घंटों के भीतर राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम की सरकार पर नियंत्रण बहाल कर दिया।
 
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