मराठी अभिनेत्री वल्लारी विराज ने 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' के साथ किया हिंदी टीवी में डेब्यू
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का ऐतिहासिक ड्रामा 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' ऐतिहासिक रानी अहिल्याबाई की दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी के साथ दर्शकों को लुभा रहा है। यह महान रचना उस रानी की जीवन यात्रा से रूबरू कराती है, जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ और बुद्धिमानी से शांति और समृद्धि स्थापित की और ये साबित किया कि कोई भी इंसान लिंग या जन्म से नहीं बल्कि कर्मों से महान बनता है।
ऐतशा संझगिरी, राजेश श्रृंगारपुरे, गौरव अमलानी और स्नेहलता वसईकर अभिनीत इस शो ने दर्शकों को अहिल्याबाई होल्कर की कहानी के माध्यम से प्राचीन भारत का एक अनूठा झरोखा दिखाया है। अब इस शो के कलाकारों में लोकप्रिय मराठी अभिनेत्री वल्लारी विराज शामिल होंगी, जो अपने शानदार अभिनय कौशल के लिए जानी जाती हैं। वल्लारी पहले ही मंच पर सुर्खियों बटोरकर अपनी एक मजबूत जगह बना चुकी हैं, और अब 'पार्वती' की भूमिका निभाते हुए अपना हिंदी टेलीविजन डेब्यू करेंगी, जो कहानी में नया मोड़ लाएंगी।
अपने डेब्यू को लेकर वल्लारी ने कहा, मैं पुण्यश्लोक अहिल्याबाई जैसे शो का हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्साहित हूं, जिसने अजेय रानी अहिल्या के जीवन के अपने सुंदर चित्रण के साथ दर्शकों के दिलों में एक विशेष छाप छोड़ी है। अहिल्या बाई होल्कर, अपने समय से आगे की महिला थीं, जिन्होंने उस दौर में महिला शिक्षा और सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया जब सामाजिक नियमों और पुरुषवादी विचारधारा का बोल बाला था।
उन्होंने कहा, जब मुझे ये कहानी सुनाई गई, तो मैं जान गई थी कि मुझे यह करना है क्योंकि यह शो न सिर्फ मनोरंजन करता है बल्कि सभी को शिक्षित भी करता है; और मुझे इस महान रचना के साथ अपनी शुरुआत करने की खुशी है। पार्वती का किरदार निभाना बड़ा दिलचस्प है, क्योंकि उनकी नैतिकता मुझसे बिल्कुल अलग है। हम समय के दो अलग-अलग दौर से संबंधित हैं और इसलिए 21वीं सदी की महिला होने के नाते, 18वीं सदी के किसी इंसान की मान्यताओं में ढलना मुश्किल था।
वल्लारी ने कहा, मुझे जिस तरह से पटकथा सुनाई गई थी, और ये किरदार समझाया गया था, वो मुझे वाकई पसंद आया। बेशक, मैंने एक एक्टर के रूप में अपना होमवर्क किया था। मैं किसी भी रोल को पानी जैसा निभाना चाहती हूं। इसलिए पार्वती की सोच को समझने और इस ऐतिहासिक किरदार को निभा पाने के लिए, मुझे अपनी सीमाओं को तोड़ना पड़ा। जैसे-जैसे मैंने उस दौर और प्राचीन भारत की महिलाओं और परिवारों के बारे में और जाना, मैंने पार्वती को बेहतर ढंग से समझना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा, इस शो के कलाकारों और टीम ने बहुत मदद की। उन्होंने मेरी कमियों को दूर करने में मेरा साथ दिया और इस प्रकार उन्होंने पार्वती के रोल को साकार करने में मदद की। मुझे उम्मीद है कि 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' के फैंस मुझे स्वीकार करेंगे, मेरी परफॉरमेंस का आनंद लेंगे और मुझ पर अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखेंगे।
आने वाले एपिसोड्स में, दर्शकों का परिचय एक साफ दिल वाली, सीधी-सादी और मासूम लड़की पार्वती से होगा। बेहद सादगी के साथ पली-बढ़ी, पार्वती एक नेक दिल की लड़की है, जिसके मन में किसी के लिए कोई बुरी भावना नहीं है। वो किसी भी अन्य लड़की की तरह अपने सपनों के राजकुमार से मिलने का सपना देखती हैं। जब वो एक अतिथि के रूप में मालवा राज्य में प्रवेश करती है, तो खंडेराव के साथ पहली मुलाकात वो उन पर मुग्ध हो जाती हैं। क्या पार्वती के आने से खंडेराव और अहिल्या के विवाह में मुश्किलें आएंगी? अहिल्या इस स्थिति से कैसे निपटेगी?