भूल भुलैया 2 के लिए किसी बाबा से ट्रेनिंग नहीं ली: कार्तिक आर्यन
वैसे मुझे डर तो नहीं लगता है, लेकिन एक बात सच बताऊं तो जब भी मैं किसी शूट पर जाता हूं और कोई रहने के लिए बड़ा सा कमरा होटल में बुक कर दिया जाता है तो मैं रात को एक लाइट जला कर सोता हूं। मैं पूरा अंधेरा करके कभी नहीं सो पाता हूं। होटल और कमरे को देख कभी-कभी ऐसा लगता है कि यहां जरूर कुछ ना कुछ तो हुआ ही होगा। कोई ना कोई तो कहानी इसके पीछे रही होगी, तो उन सब से बचने के लिए, बुरे ख्याल मेरे दिल में ना आए इसलिए मैं लाइट ऑन करके ही सोता हूं।- यह कहना है कार्तिक आर्यन का जो भूल भुलैया 2 में लोगों के सामने आने वाले हैं। किरदार का नाम है रूहान।
वेबदुनिया से बात करते हुए कार्तिक आर्यन ने बताया कि अलग-अलग किरदार करने के लिए थोड़ा सा रिचार्ज करना पड़ता है, लेकिन अपनी इस फिल्म के किरदार के बारे में ज्यादा बात न करते हुए सिर्फ इतना कहूंगा कि मैंने कभी किसी भी बाबा या ओझा को नहीं देखा, ना उनसे बातचीत की, यानी साफ-साफ शब्दों में बात कहूं तो मेरी कोई बाबा ट्रेनिंग नहीं हुई है।
आपका लक्ष्य क्या है?
मुझे लगता है मेरी जिंदगी में अपने करियर को लेकर हमेशा लक्ष्य बदलते ही रहे हैं। जब फिल्म इंडस्ट्री में आया था तो लक्ष्य था कि एक फिल्म मिल जाए। जब पहली फिल्म मिली तो लगा कि क्यों न दूसरी फिल्म मिल जाए तो मेरा वो लक्ष्य हो गया था। फिर लगा कि एक हिट मिल जाए तो अच्छा रहेगा। फिर लगा कभी कोई ऐसी फिल्म मिल जाए जिसकी ओपनिंग बड़ी अच्छी लगी हो। 'सोनू के टीटू की स्वीटी' यह फिल्म जब आई तो उसके बाद लगा कि कुछ और नया करना चाहिए ताकि मैं अपने आप को स्थापित कलाकार कह सकूं। तो मेरे लक्ष्य हमेशा बदलते रहते हैं और जिंदगी के साथ ऐसा ही होता है।
आपकी भूल भुलैया 2 के साथ तीन अन्य फिल्म भी शूट कर रहे थे। कैसे मैनेज किया ये सब?
मुझे ऐसा बिल्कुल भी पसंद नहीं कि एक साथ चार-चार सेट पर जाऊं। एक फिल्म की शूटिंग खत्म करके दूसरे और फिर तीसरे सेट पर जाओ या फिर एक फिल्म कर रहा हूं और बात तीसरे की बात चल रही हो। यह सब मैं बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था। पर परिस्थितियां ही ऐसी बन गई थीं। लॉकडाउन जब पहली बार लगा तब कुछ शूट की डेट कैंसिल हो गई। फिर दूसरे लॉकडाउन के समय भी ऐसा हुआ तो भूल भुलैया 2 का क्लाइमेक्स जब हम शूट कर रहे थे तब फ्रेडी की भी कॉमन डेट आ गई। परिस्थितियां ऐसी हो गईं और मैं कमिटमेंट से पीछे नहीं हट सकता था। भागा-दौड़ी भी करनी पड़ी। यह सब कैसे किया यह मैं ही जानता हूं या मेरी टीम से पूछे कितना विकट समय था यह मेरे लिए। एक के बाद दूसरे सेट पर जाना और सारे ही किरदार एक-दूसरे से अलग। फ्रेडी का रोल कुछ इस तरह का था जो अभी तक किया नहीं था। जब आपके सामने फ्रेडी की कोई झलक भी आएगी तो आपको अपने आप समझ में आ जाएगा कि वह किस तरीके की फिल्म है और मेरा रोल कितना अलग है। वहीं पर अगर मैं भूल भुलैया टू की बात करूं तो यह मूवी मास एंटरटेनर है। एकदम अलग किस्म का रोल है। सच कहिए, ऐसा लगता था कि दिन में 24 घंटे भी कम पड़ जाएंगे, लेकिन मेरा काम खत्म नहीं होने वाला है।
फिल्मों में आने के बाद क्या मिस करते हैं? क्या कुछ ऐसी चीज है जो आप नहीं कर पाते हों?
दोस्तों और परिवार वालों के साथ डिनर पर जाता हूं तो वहां पर शांति से खाना नहीं खा पाता हूं। यह मिस करता हूं। मतलब ऐसा कभी नहीं हुआ कि मैं पानीपुरी नहीं खा पाता हूं या यह वह नहीं कर पाता। लेकिन जब मैं डिनर पर जाता हूं तो आसपास वाले देखते हैं, फोटो खींचने नजदीक आ जाते हैं और मैं मना नहीं कर पाता। जबकि मैं शांति से बैठ कर खाना खाना चाहता हूं, लेकिन मैं फैंस को मना भी नहीं कर सकता। मैं उनमें से नहीं हूं जो फैंस को बाद में आना है कहकर चलता कर दे। सच पूछिए तो मेरे दोस्त और परिवार वाले मेरे साथ कहीं भी बाहर जाना पसंद नहीं करते हैं। मेरे दोस्त भी यही कहते हैं कि कार्तिक है तो बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा। इससे अच्छा है कि इसको मत लेकर जाओ। हाल ही में हम लोग कुछ दोस्त मिलकर गोवा गए थे तो मैं उन पर इतना ध्यान दे रहा था कि कहीं उन्हें महसूस ना हो कि मैं बदल गया हूं। मेरे दोस्तों को लगता है कि मैं फैंस को मना क्यों नहीं कर सकता हूं, पर मैं क्या करूं, मैं अपने फैंस को फोटो खींचने के लिए मना नहीं कर पाता हूं।