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Last Updated : शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 (18:22 IST)

मिथुन चक्रवर्ती की बहू मदालसा ने बताया अपने नाम का मतलब

मिथुन चक्रवर्ती की बहू मदालसा ने बताया अपने नाम का मतलब - anupama actress madalsa exclusive interview
सीरियल अनुपमा जब से लोगों के सामने आया है तभी से और टीआरपी में आगे बढ़ रहा है और लोगों के दिल में उतर रहा है। उसमें अनुपमा एक सीधी-सादी महिला के रूप में दिखाई दी है तो वहीं सीरियल में नेगेटिव किरदार लेकर नजर आती हैं मदालसा शर्मा। जो अनुपमा की जिंदगी में कई उथल-पुथल लाने के लिए। जिम्मेदार है मेदालसा से वेबदुनिया ने बातचीत की।

 
आपका नाम बहुत अलग है। इसका मतलब क्या होता है?
मदरसा हिंदू पुराणों से निकला एक नाम है। यह तीन देवियों का मिश्रण नाम है जिसमें म से महालक्ष्मी, द से दुर्गा और स से सरस्वती यानी एक ऐसी देवी जिसमें इन तीनों देवियों का समावेश हो।
 
अनुपमा सीरियल के साथ आप अपना करियर टेलीविजन में शुरू कर रही हैं। 
बिल्कुल मैं कई समय से सोच रही थी कि मुझे टेलीविजन करना चाहिए और ऐसे में राजन शाही सर ने अपने सीरियल अनुपमा के बारे में मुझे बताया और मुझे काव्या का रोल ऑफर किया। यह रोल मुझे बहुत दमदार लगा और ऐसा लगा कि मुझे इस रोल के साथ अपने टेलीविजन करियर की शुरुआत करनी चाहिए। वही इस बात को भी मैं कहूंगी कि राजन शाही सर कि मैं बहुत इज्जत करती हूं। उनके लिए बहुत ज्यादा आदर रखती हूं इसलिए जब उनकी तरफ से कोई काम आया तो मैं मना नहीं कर पाई और सच कहूं तो आज के समय में टीवी एक बहुत ही स्ट्रांग मीडियम है, जिसे नकार तो नहीं सकते हैं। आप एक रोल करती हैं और इसके साथ ही आप घर घर तक पहुंच जाती है।
 
काव्या के रोल को करने के बाद किस तरीके के कंपलीमेंट मिलते हैं आपको?
टचवुड जबसे अनुपमा लोगों के सामने आया है। हम कुछ ही दिनों में हम लोग टीआरपी में नंबर वन पर पहुंच गए। हमारी टीआरपी बहुत अच्छी आ रही है। इस बात की बहुत खुशी होती है कि इतने अच्छे शो का में एक भाग हूं। जहां तक बात है मेरे रोल की तो काव्या का रोल जिस तरीके से है कि वह बहुत ही मजबूत और गो गैटर तरीके की महिला है।
 
इसके लिए कंपलीमेंट्स मुझे कुछ इस तरह से मिले हैं कि लोग आकर मुझे कहते हैं या मुझे लिखकर बताते हैं सोशल मीडिया पर कि कैसे मैं और मेरा किरदार उन्हें प्रेरणा दे रहा है। अपने करियर में अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की और मजबूत बने रहने की। मेरा जो भी रोल है अगर मैं यह निभा रही हूं और किसी भी इंसान को मैं प्रेरित कर रही हूं तो यह किसी भी पुरस्कार से बड़ी बात है। मेरे लिए और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं।
 
क्या अनुपमा के घरेलू किरदार से आप पर रिलेट कर पाती हैं?
बिल्कुल मैं कुछ हद तक यह चली कुछ हद तक क्या पूरे हद तक रोज रिलेट कर पाती हूं। आप एक बेटी की एक मां हो, एक बहन हो, रिश्तेदार हो, चाची हो, दादी हो या फिर दोस्त क्यों न हो, ऐसे लोग आपकी जिंदगी में आपको दिख जाते हैं मिल जाते हैं। और जिस तरीके से रोल लिखा भी गया है उससे मैं क्या कोई भी रिलेट कर पाता है। बहुत ही अच्छी तरीके से यह किरदार को बनाया गया है।
 
अपने मिमोह से कहां मिली और कैसी चल रही है आपकी जिंदगी?
मेरी मां यानी शीला शर्मा उन्होंने मिमोह के साथ एक फिल्म की थी और उसी फिल्म से जुड़ा एक इवेंट था जिसमें हम दोनों पहली बार मिले और जब कहते हैं ना कि समय सही हो तो आपके साथ जो खूबसूरत बात होने वाली होती है, वह हो ही जाती है। तो शायद ऐसा ही कुछ हुआ, हम दोनों मिले हमने एक दूसरे को पसंद किया और फिर बाद में हम दोनों में प्यार भी हुआ और सब कुछ इतना आसानी से और इतना आराम से हुआ कि हमारी शादी भी हो गई।
 
हम लोगों के घर वाले भी एक दूसरे को बहुत पसंद करते हैं और उनका पूरा साथ मिला। आम लोगों की ही तरह घर में रहते हैं और हम बातचीत करते हैं। हम काम की बात तो बहुत ही कम करते हैं। हम आपस में ही मस्ती भरी फन टॉक करते हैं। आगे क्या करना चाहते हैं, हम वह बात करते हैं। इन सब के बीच में मैं मैंने अपना क्या शूट किया और कैसे सीरियल में मैंने रोल निभाया, इस की बातें बहुत ही कम होती हैं।
 
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में क्या कोई अंतर मिला आपको?
दोनों ही इंडस्ट्री का अपना महत्व है साउथ की इंडस्ट्री चार भाषाओं यानी तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम में बटी है। वही हिंदी इंडस्ट्री में हिंदी फिल्में बनती हैं। साउथ में कोई भी डिपार्टमेंट हो फिल्म बनाने का चाहे वह स्क्रिप्ट या एडिटिंग हो, म्यूजिक या बैकग्राउंड स्कोर सभी बात का ध्यान दिया जाता है और वही बात हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी आती है। कोई भी डिपार्टमेंट हो हर तरीके से अच्छा से अच्छा करने की कोशिश करता है तो अंतर कोई मुझे नजर नहीं आता सिवाय भाषा के।
 
अनुपमा के अलावा अभी कुछ और करने के मूड में हैं आप?
अभी तो अनुपमा के अलावा मैं कुछ भी सोच नहीं पा रही। दिनभर हम लोग इस सेट पर रहते हैं। मैं जाती हूं अपने काम पर फोकस करती हूं। रोल के बारे में सोचती हूं। लेकिन हां कुछ सपने है मेरे। जब उसका सही समय आएगा तो वह सपने पूरे भी करूंगी। मैं और जब पूरे करूंगी तो आपको भी जरूर बताऊंगी।