'कोड नेम तिरंगा' के जरिए पूरा हुआ परिणीति चोपड़ा के बचपन का सपना
बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'कोड नेम तिरंगा' को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म में वह एक रॉ एजेंट के रोल में नजर आने वाली हैं। फिल्म में उनके साथ हार्डी संधू मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। हाल ही में इस फिल्म का टीजर सामने आया है।
परिणीति चोपड़ा के लिए फिल्म 'कोड नेम तिरंगा' उनके फिल्मी करियर में कई मायनों में पहले स्थान पर आता है। परी अपने करियर की पहली एक्शन फिल्म कर रही हैं और रिभु दासगुप्ता की इस फिल्म में वे पहली बार पर्दे पर एक एजेंट की भूमिका भी निभा रही हैं।
फिल्म के टीज़र में अपने जबरदस्त एक्शन अवतार से परिणीति चोपड़ा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। इतना ही नहीं भूमिकाओं की पसंद और एक कलाकार के रूप में खुद को आगे बढ़ाकर आश्चर्यचकित करने की उनकी क्षमता की दर्शकों ने भी सराहना की है।
परिणीति ने कहा, एक एक्टर के तौर पर अपने करियर के दौरान हम कई बार किसी चीज को पहली बार प्राप्त करते हैं और इस मायने में हम लगातार शुक्रगुजार हैं। फिल्मों में अपने 11वें वर्ष में मैं अपनी पहली पूर्ण एक्शन फिल्म को लेकर काफी रोमांचित हूं साथ ही कोड नेम तिरंगा के टीज़र के लिए मुझे जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उससे मैं उत्साहित हूं।
परी कहती हैं कि इस शैली में कभी काम न करने वाले व्यक्ति के लिए यह सब काफी उत्साहजनक है। टीजर सिर्फ इस बात की झलक है कि ट्रेलर और स्क्रीन पर मेरे प्रदर्शन से क्या उम्मीद की जा सकती है। शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण इस फिल्म के लिए मैंने खुद के साथ ही अपने शरीर को भी झोंक दिया, लेकिन मैंने इसके हर हिस्से का भरपूर आनंद लिया है।
परिणीति ने कहा, मैं हमेशा से स्क्रीन पर एक्शन जॉनर के साथ खुद को पूरी तरह एक नए तरीके से पेश करना चाहती थी और ऐसा करने के लिए मुझे इससे बेहतर फिल्म नहीं मिल सकती थी, क्योंकि इसने मुझे स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने और दर्शकों को यह दिखाने का मौका दिया है कि जब इस तरह का अवसर मिलता है तो मैं क्या कर सकती हूं।
परी का कहना है कि जब वे बच्ची थी तब बड़ी होकर भारत के लिए एक एजेंट बनना चाहती थीं और वे इस बात से काफी रोमांचित हैं कि उनकी बचपन की इच्छा स्क्रीन पर पूरी हो गई है। अगर पहली फिल्म की बात करें तो मैं पहली बार पर्दे पर एक एजेंट की भूमिका भी निभा रही हूं। बड़ा होकर, मैंने अपने देश का एजेंट बनने और पूरे दिल से इसकी रक्षा करने के बारे में सोचा था।
उन्होंने कहा, बचपन में मैं एक टॉय गन (बच्चों के खेलने वाली बंदूक) लिए रहती थी और यह दिखाती थी कि भारत की सेवा में मैं सबसे अच्छी एजेंट हूं। ऐसे में कोड नेम तिरंगा में मुझे अपने बचपन के सपने को भी पूरा करने का मौका मिल रहा है।