5 वजहें जो 'क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' को बनाती हैं मस्ट वाच शो
पिछले साल रिलीज हुई वेब सीरीज 'क्रिमिनल जस्टिस' की अपार सफलता के बाद, हॉटस्टार उसकी अगली कड़ी 'क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स' के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। वकील माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) अपने करियर के सबसे मुश्किल केस के साथ वापस आ रहे हैं जिसमें निखत हुसैन (अनुप्रिया गोयनका) उनका साथ दे रही हैं।
केस में मुख्य अभियुक्त अनु चंद्रा (कीर्ति कुल्हरी) ने कबूल किया है कि उसने अपने पति और जाने-माने वकील- बिक्रम चंद्रा की चाकू मारकर हत्या की है और वह कानून की नजर में अपराधी है। कई लोग मानते हैं कि यह ओपन-एंड-शट केस है, लेकिन अनु की चुप्पी और खुद का बचाव करने की अनिच्छा से सवाल खड़ा होता है- क्या इस केस में कुछ ऐसा भी है, जो दिखाई नहीं दे रहा?
बहु-प्रतीक्षित 8-एपिसोड का कोर्ट रूम ड्रामा, डिज़नी+ हॉटस्टार वीआईपी पर 7 भाषाओं में 24 दिसंबर 2020 को लॉन्च होगा। ये हैं वे 5 वजहें जो क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स को मस्ट वाच शो बनाती हैं...
मिश्रा जी की हो रही है वापसी-
आज के दौर के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में शुमार पंकज त्रिपाठी, वकील माधव मिश्रा के दर्शकों पर काफी असर छोड़ने वाले किरदार को निभाने के लिए वापस आ रहे हैं। इस बार, माधव मिश्रा के लिए चुनौती बेहद कठिन है क्योंकि उनके मुवक्किल बोलने से इनकार कर रही हैं और क्योंकि वह एक मजबूत टीम के खिलाफ केस लड़ रहे हैं जो एक जाने-माने वकील का बचाव कर रही हैं। लेकिन मिश्रा जी इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाले, देखते हैं इस बार वह एक ओपन-एंड-शट केस को कैसे सुलझाते हैं।
सशक्त और बोल्ड महिलाओं को पेश करती कहानी-
क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स एक स्टैंड-आउट कोर्ट रूम ड्रामा है जो महिला किरदारों पर केंद्रित और उनके ईर्द-गिर्द घूमती है। जिनके व्यक्तित्व बिल्कुल अलग-अलग हैं और अपनी जिंदगी और समस्याओं से निपटने उनके तरीके जुदा हैं।
हत्या की आरोपी एक गृहिणी है, जिसने अपने पति की चाकू मारकर हत्या करने की बात कबूल की है और कानून की नजर में दोषी है। उनके बचाव पक्ष की टीम में एक वकील निखत हुसैन शामिल हैं, जो एक महिला के तौर पर यह महसूस करती है कि अनु चंद्रा की कहानी में कुछ राज छुपे हैं, जिनको जानना उसके लिए जरूरी है।
एक आंख खोलने वाली कहानी-
क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड द क्लोज्ड डोर्स एक दिलचस्प कहानी है जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखेगी। इससे भी ज्यादा, यह कोर्ट रूम ड्रामा उन सामाजिक मुद्दों पर सवाल उठाएंगे जिन पर बहुत कम बात होती है। साथ ही यह अपने दर्शकों को और जागरूक करेगा, साथ ही इस विषय पर बातचीत शुरू करेगा कि क्या कानून पुरुष और महिला दोनों के हितों की रक्षा समान रूप करने में सक्षम साबित हो रहा है। शो के निर्माताओं ने बारीकियों और कानूनी शब्दावलियों को सही तरीके से समझने के लिए वकीलों की टीम से भी परामर्श किया ताकि कहानी को संजीदगी और संवेदनशील तरीके से पेश किया जा सके।
जेल में महिलाओं की जिंदगी और मुश्किलों को दर्शाती कहानी-
क्रिमिनल जस्टिस : बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स भारत की उन कुछ कहानियों में शुमार है, जिसमें जेल में बंद महिलाओं की जिंदगी और उनकी परेशानियों को दिखाया गया है। सीमित संदर्भ होने की वजह से, महिला जेल को रिक्रिएट करना निर्माताओं के लिए एक चुनौती पूर्ण काम था। हालांकि, कलाकारों के साथ ही निर्देशक रोहन सिप्पी और अर्जुन मुखर्जी ने जेल का सेट तैयार करने वाली डिजाइन टीम के काम को खूब सराहा। सेट पर बनाया गया जेल बिल्कुल असली जेल की तरह दिखता है। एक्टर शिल्पा शुक्ला ने यहां तक कह दिया कि इससे उन्हें अपने किरदार इशानी नाथ में उतरने में मदद मिली।
शानदार कलाकारों से भरपूर सीरीज-
उत्कृष्ट कलाकारों और क्रू से भरपूर टीम ने इस असाधारण कहानी बहुत संजीदगी और और संवेदनशीलता के साथ पेश किया है। पंकज त्रिपाठी, कीर्ति कुल्हरी और अनुप्रिया गोयनका के साथ ही शो के कलाकारों में आशीष विद्यार्थी, दीप्ति नवल, जीशु सेनगुप्ता, शिल्पा शुक्ला, पंकज सारस्वत, अयाज खान, कल्याणी मूले, अजीत सिंह पलावत, खुशबू अत्रे, तिर्था मुरबाडकर जैसे पावरहाऊस टैलेंट्स शामिल हैं। 8-भाग वाले कोर्ट रूम ड्रामा सीरीज़ का निर्देशन रोहन सिप्पी व अर्जुन मुखर्जी ने किया है। इसकी कहानी अपूर्व असरानी ने लिखी है। इसका निर्माण एप्लॉज एंटरटेनमेंट ने बीबीसी स्टूडियोज़ के साथ मिलकर किया है।