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Last Modified: बुधवार, 10 जनवरी 2024 (15:58 IST)

सिद्धांत चतुर्वेदी की फिल्म खो गए हम कहां में उठाए गए ये 3 अहम मुद्दे

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज फिल्म खो गए हम कहां में युथ से रिलेटेड तीन मुद्दे उठाए गए हैं

arjun varan singh has raised this 3 important issues of youth in the film kho gaye hum kahan - arjun varan singh has raised this 3 important issues of youth in the film kho gaye hum kahan
  • बॉडी शेमिंग, साइबरबुलिंग, असुरक्षा का मुद्दा उठाया
  • फिल्म में अनन्या पांडे और आदर्श गौरव भी अहम भूमिका में
  • मॉर्डन दोस्ती पर आधारित है फिल्म
kho gaye hum kahan: अर्जुन वरैन सिंह के निर्देशन में बनी फिल्म 'खो गए हम कहां' की खूब चर्चा है। फिल्म डिजिटल युग में दोस्ती के अपनी बेहद कनेक्टेड कॉन्सेप्ट के साथ दर्शकों के दिलों में घर कर गई है। ये फिल्म लोगों को मॉडर्न दोस्ती की दुनिया में डुबो देती है, जहां युवा पीढ़ी की सोशल मीडिया पर खुद के बारे में धारणा अहम प्रभाव डालती है। 
 
इस फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे और आदर्श गौरव जैसे युवा कलाकारों का एक ग्रुप है, जो इंटरनेट की दुनिया के इर्द-गिर्द बसी है और बॉडी शेमिंग, साइबरबुलिंग और असुरक्षा जैसे अहम मुद्दों से निपटती है।
 
आइए फिल्म में दिखाए गए तीन प्रमुख कारणों पर एक नजर डालें:
 
1) बॉडी शेमिंग के लिए सेल्फ एक्सेप्टेंस
आज के समय में बॉडी शेमिंग एक गंभीर खतरा है। हाल के सालों में देखा गया है कि कैसे कई लोग इन समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, जो कभी-कभी डिप्रेशन या आत्महत्या का कारण बनता हैं। सोशल मीडिया के जमाने में कई लोग अलग-अलग तरीकों से लोगों को शर्मिंदा करते हैं, जो अच्छी बात नहीं है। 
बॉडी शेमिंग के बारे में आलोचना और कमेंट्स को स्वीकार करने के लिए बड़े दिल की ज़रूरत होती है और फिल्म इस मुद्दे को बहुत रिलेवेंट तरीके से पेश करती है और लोगों के बीच जागरूकता भी फैलाती है। फिल्म में आदर्श गौरव को अपने जिम में कॉम्पिटिशन के कारण बॉडी शेमिंग का सामना करते देखा गया था।
 
2) साइबरबुलिंग
साइबरबुलिंग समाज के लिए एक और गंभीर खतरा है, और खो गए हम कहां इस मुद्दे को बहुत साफ और विस्तृत तरीके से संबोधित करती है। इस मामले को आधुनिक समय में बताए जाने की जरूरत है और युवाओं को आकर्षित करने वाली फिल्म ने इसे बहुत ही रिलेवेंट तरीके से जनता तक पहुंचाया है।
 
साइबरबुलिंग के कई तरीके हैं और ऐसे कई लोग है जो इसका शिकार हुए हैं। हालांकि कुछ ही ऐसे लोग है जो इसे जाहिर करते हैं, तो वहीं कई अपने करीबियों तक से इस उत्पीड़न को साझा करने की हिम्मत  नहीं जुटा पाते। फिल्म में आदर्श गौरव का किरदार ऐसे अपराध के खिलाफ सख्त एक्शन लेता नजर आया है।
 
3) युवाओं में असुरक्षा
आज के समय में असुरक्षा और योग्यता हर क्षेत्र में पाई जाती है, खासकर युवाओं के बीच में। हर दूसरा युवा असुरक्षा का शिकार है, जिससे हेल्थी कॉम्पीटीशन भी नहीं हो पाता। असुरक्षा का परिणाम खतरनाक होता है और इसका किसी के जीवन पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है। 
 
असुरक्षा के चलते लोग कभी-कभी बहुत गलत कदम उठा लेता है, जिससे मौत तक हो जाती है और इस मुद्दे का एपिसोड फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण है। फिल्म में, अनन्या पांडे के किरदार को भी अपने रिश्तों से जुड़ी बड़ी असुरक्षाओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने सोशल मीडिया पर भी खुद को एक्सपोज किया।
 
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