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Last Updated : मंगलवार, 6 दिसंबर 2022 (19:06 IST)

अक्षय कुमार की अगली फिल्म 'सेक्स एजुकेशन' पर, फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे सबके लिए खुले

अक्षय कुमार की अगली फिल्म 'सेक्स एजुकेशन' पर, फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे सबके लिए खुले | Akshay Kumar next movie will be based on Sex Education
बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा है कि उनकी अगली फिल्म 'सेक्स एजुकेशन' पर होगी। वे सऊदी अरब के जेद्दा शहर में आयोजित दूसरे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दर्शकों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा "यहां उन्हें अपनी आनेवाली फिल्म की घोषणा करते हुए अपार खुशी हो रही है।" उन्होंने कहा कि किसी सार्वजनिक मंच से वे अपनी आनेवाली फिल्म के बारे में पहली बार बात कर रहे हैं। यह फिल्म अगले साल अप्रैल या मई में प्रदर्शित होगी। 
 
रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के इंटरनेशनल प्रोग्रामिंग हेड लंदन के फिल्म पत्रकार कलीम आफताब के साथ बातचीत में अक्षय कुमार ने कहा कि वे सिर्फ पैसा कमाने के लिए फिल्मों में आए थे लेकिन दस साल अंधाधुंध काम करने के बाद उन्हें सिनेमा माध्यम से इश्क हो गया। उन्हें लगने लगा कि सिनेमा केवल पैसा कमाने की चीज नहीं है। यह कुछ और ही है। उन्होंने केवल पैसा कमाने वाली बात पर सफाई देते हुए कहा कि 'उनके पिता को प्रोस्ट्रेट कैंसर था और उनके परिवार ने गरीबी देखी है।

अक्षय कुमार ने कहा कि 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' 'पैडमैन' या 'एयरलिफ्ट' जैसी सोद्देश्य सामाजिक फिल्मों से पैसा तो बहुत नहीं आता पर अच्छे काम करने का संतोष मिलता है। उन्हें खुशी है कि पैडमैन के बाद भारतीय समाज में इतनी जागरूकता पैदा हुई है कि एक बेटी अपने पिता से यह कहने का साहस कर सकती हैं कि उसे सैनेटरी नैपकिन चाहिए। वे आगे भी ऐसी सामाजिक महत्व की फिल्में बनाते रहेंगे। उन्होंने टॉयलेट: एक प्रेम कथा, पैडमैन और हाउसफुल 4 फिल्मों के कुछ दृश्य दिखाए और कहा कि उनका इलाका पब्लिक एंटरटेनमेंट है और ऐसी फिल्मों को मनोरंजन की निगाह से ही देखना चाहिए।


 
जब अक्षय से पूछा गया कि आज तीस साल बाद वे अपनी पहली फिल्म 'सौगंध' (निर्देशक राज एन सिप्पी) को कैसे याद करते हैं तो उन्होंने कहा कि शुरुआती दिन संघर्ष के थे। तब लोग कहते थे कि मेरी आवाज़ ठीक नहीं है। मेरा फिल्म इंडस्ट्री में आना एक इत्तेफाक था। आज मैं यह स्वीकार करता हूं कि उस समय मुझसे भी ज्यादा प्रतिभाशाली और सुंदर युवा संघर्ष कर रहे थे और उनमें से कुछ आज तक संघर्ष कर रहे हैं और ईश्वर की कृपा से मुझे ब्रेक मिला और सफलता मिल गई। आज मैं करीब 150 फिल्मों में काम कर चुका हूं। यह बात अलग है कि इनमें से कुछ फिल्में खूब चली और कुछ नहीं चली। फिल्म का चलना और न चलना हमारे वश में नहीं है। हम तो केवल ईमानदारी से अपना काम ही कर सकते हैं।"
       
अक्षय के अनुसार फिल्म इंडस्ट्री में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। दिन-रात काम करना पड़ता है। एक फिल्म बनाने में साल लग जाते हैं, कई बार तो प्रोड्यूसर के घर के गहने गिरवी रखने पड़ते हैं। मंगलसूत्र तक चला जाता है। दिन भर करीब साढ़े तीन सौ लोग लगे रहते हैं। पब्लिक आती है और फिल्म देख बहुत आसानी से बोल देती है कि बेकार है। पब्लिक सब जानती है। यदि वह ऐसा कहती हैं तो उसकी बात हम सर आंखों पर लेते हैं। हमें सुनना चाहिए कि उन्हें फिल्म में क्या चाहिए।"

अक्षय ने कहा- "कोई भी इस फिल्म इंडस्ट्री में आ सकता है चाहे उसे लीड रोल चाहिए या कैरेक्टर रोल या उसे सिनेमैटोग्राफी करनी है या और कुछ। हमारी फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे सबके लिए खुले हैं, पर उसे कड़ी मेहनत करनी होगी।' उन्हें इस बात की खुशी है कि वे पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सेनेटरी पैड पर एक फिल्म बनाई। 'पैडमैन' एक इंसान के जीवन की सच्ची कहानी पर आधारित है। इसे आर बाल्की और अक्षय की पत्नी ट्विंकल खन्ना ने लिखा है। वे दर्शकों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने उन्हें हर तरह की भूमिकाओं में पसंद किया। 
 
किसी फिल्म का चुनाव करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे स्क्रिप्ट को ही इसका आधार मानते हैं। फिल्म शुरू होने से पहले वह स्क्रिप्ट को तीस- चालीस बार पढ़ते हैं। माफ कीजिए, मै पढ़ने लिखने में थोड़ा कमजोर हूं। मैं स्क्रिप्ट सुनता हूं। शूटिंग शुरू करने से पहले मैं अपने निर्देशक और स्क्रिप्ट राइटर को सुबह चार पांच बजे बुलाता हूं और कई बार स्क्रिप्ट सुनता हूं।
 
"लोग ऐसा समझते हैं कि कॉमेडी फिल्म बनाना बहुत आसान है और कोई भी बना सकता है। मगर ऐसा नहीं है। एक अच्छी कॉमेडी फिल्म बनाना बहुत मुश्किल है। मैं तो कहूंगा कि गंभीर फिल्म बनाना ज्यादा आसान है।' अपने पसंदीदा फिल्म निर्देशक के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे प्रियदर्शन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। प्रियदर्शन से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। (- जेद्दा, सऊदी अरब से) 
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