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Last Updated : सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (15:56 IST)

Asian Games 2023 में भारत ने जीता पहला गोल्ड मेडल, शूटिंग टीम ने दिलाया सोना (Video)

Asian Games 2023 में भारत ने जीता पहला गोल्ड मेडल, शूटिंग टीम ने दिलाया सोना (Video) - Indian bags first Gold at the Asian Games in Shooting event
भारतीय निशानेबाजों ने सोमवार को यहां एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए टीम स्वर्ण पदक सहित तीन पदक जीते जिससे निशानेबाजी प्रतियोगिता में भारत दो दिन में पांच पदक जीत चुका है।विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष पाटिल की अगुआई में भारत की 10 मीटर एयर राइफल टीम ने विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ मौजूदा एशियाई खेलों में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता।

ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने इसके बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में रुद्रांक्ष को पछाड़ा जो चौथे स्थान पर रहे।आदर्श सिंह, अनीष भानवाला और विजयवीर सिद्धू की भारतीय तिकड़ी ने 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल की टीम स्पर्धा में 1718 अंक से इंडोनेशिया के साथ टाई रहने के बाद कांस्य पदक जीता।

चीन ने 1765 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि दक्षिण कोरिया ने 1734 अंक के साथ रजत पदक हासिल किया।विजयवीर ने क्वालीफिकेशन में 582 अंक के साथ छठे स्थान पर रहते हुए छह निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई। आदर्श (576) 14वें जबकि अनीष (560) 22वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।

पुरुष व्यक्तिगत 25 मीटर के फाइनल में विजयवीर 21 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहते हुए पदक जीतने में नाकाम रहे। चीन के ली युएहोंग ने 33 अंक के साथ स्वर्ण जीता जबकि उनके हमवतन ल्यु येंगपैन (31) को रजत और कजाखस्तान के चिरयुकिन निकिता (26) को कांस्य पदक मिला।

ऐश्वर्य ने तीसरे स्थान के शूट ऑफ में रुद्रांक्ष को पछाड़कर 228.8 अंक के साथ कांस्य पदक जीता।ऐश्वर्य पार्क हाजुन को पछाड़कर रजत पदक जीतने की दौड़ में शामिल थे लेकिन अंतिम शॉट पर 9.8 अंक के साथ बाहर हो गए। दक्षिण कोरिया के इस निशानेबाज को अंतत: रजत पदक जीता जबकि चीन के शेंग लिहाओ ने 253.3 अंक के विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।

ऐश्वर्य ने कहा, ‘‘मैं अपने प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। मैंने पूरी स्पर्धा के दौरान निरंतर प्रदर्शन किया, यहां तक कि क्वालीफिकेशन के दौरान भी। यह मेरे पहले एशियाई खेल हैं और इन खेलों में मेरा पहला पदक।’’उन्होंने कहा, ‘‘कभी कभी निशाना खराब भी था और यह खेल का हिस्सा है।’’

ऐश्वर्य ने स्वीकार किया कि कांस्य पदक के शूट ऑफ में रुद्रांक्ष के खिलाफ वह दबाव में थे।उन्होंने कहा, ‘‘शूट ऑफ के दौरान काफी दबाव था लेकिन मैंने 10.8 अंक जुटाने में सफल रहा।’’

इससे पहले रुद्रांक्ष, ओलंपियन दिव्यांश पंवार और ऐश्वर्य की तिकड़ी ने क्वालीफिकेशन दौर में 1893.7 के कुल स्कोर के साथ चीन और दक्षिण कोरिया की मजबूत टीमों को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।कुल स्कोर का पिछला विश्व रिकॉर्ड 1893.3 अंक का था जिसे एक महीने से भी कम समय पहले चीन की टीम ने अजरबेजान के बाकू में विश्व चैंपियनशिप के दौरान बनाया था।

दक्षिण कोरिया ने कुल 1890.1 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि 1888.2 अंक के साथ कांस्य पदक चीन की झोली में गया।रुद्रांक्ष ने बाद में कहा, ‘‘हमने (टीम ने) अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और स्वर्ण पदक जीता। हमें शुरुआत में नहीं पता था लेकिन हमें बताया गया कि यह विश्व रिकॉर्ड है। हमने कहा कि फिर तो यह स्वर्ण पदक होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह आसान नहीं था लेकिन टीम स्पर्धा में हमने चीन को हराया।’’रुद्रांक्ष ने कहा, ‘‘मैं थोड़ा निराश हूं कि मैं व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया। लेकिन मैं बेहद खुश हूं कि मैंने टीम स्वर्ण पदक जीता। टीम के मेरे दो साथी 10 मीटर एयर राइफल के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज हैं।’’


भारत के एयर राइफल निशानेबाजों ने दबदबे वाला प्रदर्शन किया। उन्नीस साल के रुद्रांक्ष ने 632.5, तोमर ने 631.6 और दिव्यांश ने 629.6 अंक बनाए।

रुद्रांक्ष और तोमर ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में भी जगह सुनिश्चित की।भारत के तीनों निशानेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। दिव्यांश हालांकि निराश होंगे क्योंकि वह एशियाई खेलों के उस नियम के कारण फाइनल में जगह नहीं बना पाए जिसके तहत एक देश के सिर्फ दो निशानेबाजों को ही फाइनल में जगह मिल सकती है।

रुद्रांक्ष क्वालीफिकेशन में तीसरे और तोमर पांचवें स्थान पर रहे। दिव्यांश आठवें स्थान पर रहे और अगर यह विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप या और कोई महाद्वीपीय प्रतियोगिता होती तो तीनों भारतीय निशानेबाज फाइनल में जगह बनाते।

इस नियम का फायदा कजाखस्तान के इस्लाम सातपायेव को मिला जिन्होंने नौवें स्थान पर रहने के बावजूद दिव्यांश की जगह फाइनल में जगह बनाई।चीन के शेंग लिहाओ 634.5 अंक के साथ क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहे जो क्वालीफिकेशन में एशियाई खेलों का रिकॉर्ड है। दक्षिण कोरिया के पार्क हाजुन ने 632.8 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।

भारतीय तिकड़ी की हालांकि स्वर्ण पदक की राह आसान रही। रुद्रांक्ष ने 104.8, 106.1, 103.8, 105.5 106.7 और 105.6 की सीरीज बनाई जबकि तोमर ने 104.1, 105.5, 105.3, 105.7, 105.7 और 105.3 अंक जुटाए।
तोक्यो ओलंपिक 2020 में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले दिव्यांश की सीरीज 104.8, 104.3, 104.6, 104.7, 106.3 और 104.9 अंक की रही।



रुद्रांक्ष के पिता बालासाहब पाटिल ने अपने बेटे के स्वर्ण पदक जीतने के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘मेरा बेटा खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध था। उसे अपनी क्षमताओं पर काफी भरोसा है और हांगझोउ के लिए रवाना होने से पहले रुद्रांक्ष ने कहा था कि वह देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने को लक्ष्य बनाएगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘हांगझोउ के लिए रवाना होने से पहले उसने अपनी निशानेबाजी की मामूली खामियों को दूर किया। पिछले दो महीने में उसने कड़ी मेहनत की।’’

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने रुद्रांक्ष को आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप के लिए बाकू जाने वाली टीम में शामिल नहीं किया था क्योंकि महासंघ अन्य निशानेबाजों को भेजकर देश के लिए अधिक पेरिस ओलंपिक कोटा स्थान हासिल करना चाहता था।पिछले साल काहिरा में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रुद्रांक्ष पहले ही देश के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं।(भाषा)