अफगानिस्तान की टीम ने सबसे पहली बार 2014 में एशिया कप में हिस्सा लिया था। अफगानिस्तान की टीम को अपना पहला टूर्नामेंट जीतने के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा था।
अफगानिस्तान ने अपने खिलाड़ियों के ऑल राउंड प्रदर्शन की बदौलत एशिया कप 2014 क्रिकेट मैच में बांग्लादेश को 32 रन से शिकस्त देकर बड़ा उलटफेर किया था और टेस्ट खेलने वाले देश के खिलाफ अपनी पहली जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था।
अफगानिस्तान टीम ने साल 2018 में भी ऐसा ही उलटफेर किया था।रहमत शाह (72) के शानदार अर्द्धशतक के बाद अपने स्पिनरों के दमदार प्रदर्शन से अफगानिस्तान ने श्रीलंका को एशिया कप 2018 क्रिकेट टूर्नामेंट के ग्रुप 'बी' के मुकाबले में 91 रन से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। अफगानिस्तान ने 50 ओवर में 249 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और श्रीलंका को 41.2 ओवर में 158 रन पर ढेर कर दिया था।
इसके बाद अफगानिस्तान ने राशिद खान (नाबाद 57) और गुलबदीन नायब (नाबाद 42) के बीच आठवें विकेट के लिए 95 रन की शानदार अविजित साझेदारी की बदौलत टूर्नामेंट के आखिरी ग्रुप मैच में सात विकेट पर 255 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और फिर गेंदबाजों के लाजवाब प्रदर्शन से बांग्लादेश को 42.1 ओवर में 119 रन पर निपटा दिया था।
लेकिन असली कमाल तो अफगानिस्तान ने इसके बाद किया था। अफगानिस्तान ने भारत को टाई पर रोका था और यह एशिया कप के इतिहास का पहला टाई मुकाबला था।
अफगानिस्तान के 253 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर रविंद्र जडेजा (25) के रूप में अपना अंतिम विकेट गंवाया और पूरी टीम 252 रन पर आउट हो गई थी।भारत की ओर से सलामी बल्लेबाजों लोकेश राहुल (60) और अंबाती रायुडू (57) ने पहले विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी की जबकि दिनेश कार्तिक ने 44 रन बनाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके थे।अफगानिस्तान ने मोहम्मद शहजाद (124) और मोहम्मद नबी (64) की पारियों की बदौलत विषम परिस्थितियों से उबरते हुए आठ विकेट पर 252 रन बनाए थे।
इस बार भी अफगानिस्तान की टीम कुछ इस तरह के उलटफेर करने ही एशिया कप में उतरेगी। जान लेते हैं टीम की क्या ताकत और कमजोरियां है।
ताकत- पाकिस्तान और श्रीलंका में हो रहे एशिया कप में अफगानिस्तान की स्पिन तिकड़ी उनकी सबसे बड़ी ताकत है। राशिद खान, मुजीबुर रहमान और मोहम्मद नबी मध्यक्रम में घातक साबित हो सकती है। इसके अलावा फारूकी और जादरान भी तेज गेंदबाजी के लिहाज से बुरे नहीं कहे जा सकते।
अफगानिस्तान इस बार ग्रुप ऑफ डेथ में है जहां बांग्लादेश और श्रीलंका मौजूद हैं। ऐसे में टीम के पास खुश होने वाली बात है कि इन दोनों टीमों की तरह चोटों से परेशान नहीं है। अफगानिस्तान के खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर खासा बेहतर रहा है।
कमजोरी- अफगानिस्तान की बल्लेबाजी में कमजोरियां दिखती है। जेजेई और शाहिदी के अलावा कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं दिखता जो विश्वसनीय हो। टीम कई मौकों पर अपने निचले क्रम के बल्लेबाज राशिद खान, मुजीबुर रहमान और मोहम्मद नबी पर ही निर्भर रही है। टीम नाजुक मौकों पर बिखरती हुई देखी गई है जिससे आती हुई जीत टीम के खाते से चली जाती है।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहेंराशिद खान- राशिद खान अफगानिस्तान टीम का एक बड़ा नाम है। राशिद खान को ना सिर्फ गेंद बल्कि बल्ले से भी कमाल दिखाना होगा अगर अफगानिस्तान को इस टूर्नामेंट में 1-2 मैच उलटफेर से जीतने है।
हजरतुल्लाह जजई- हजरतुल्लाह जजई अफगानिस्तान टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। अगर वह बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद कर देते हैं तो अफगानिस्तान सम्मानजनक स्कोर पर पहुंच जाती है। इस बार कई लोगों की निगाहें उनकी बल्लेबाजी पर होगी।
मोहम्मद नबी- राशिद खान की तरह ही अफगानिस्तान टीम का दूसरा बड़ा नाम है मोहम्मद नबी। इस कारण इन्हें भी गेंद और बल्ले दोनों से ही अफगानिस्तान टीम की सेवा करनी होगी। तब जाकर अफगानिस्तान हर वनडे एशियाकप में उलटफेर करने के सिलसिले को बरकरार रख पाएगी।