आदित्य-L1 ने तीसरी बार सफलतापूर्वक बदली पृथ्वी की कक्षा, सूर्य के और करीब
Aditya L1 Update : भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए आदित्य-एल1 यान की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया रविवार तड़के सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई।
इसरो ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, 'पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया ISTRAC, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)-शार और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।'
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि प्राप्त की गई नई कक्षा 296 किलोमीटर x 71,767 किलोमीटर है। आदित्य एल1 की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग 2 बजे निर्धारित है।
इसरो के PSLV-C57 ने 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण किया था।
आदित्य एल1 की कक्षा संबंधी पहली और दूसरी प्रक्रिया को क्रमशः 3 सितंबर और 5 सितंबर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था। आदित्य एल1 को एल-1 की तरफ स्थानांतरण कक्षा में प्रवेश करने से पहले कक्षा संबंधी एक और प्रक्रिया से गुजरना होगा।
आदित्य एल1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (L-1) में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी।
Edited by : Nrapendra Gupta