• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अलविदा 2022
  4. 10 major events in India for the year 2022
Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला

विदाई में कोरोना रिटर्न! जानिए 2022 की 10 बड़ी घटनाएं...

विदाई में कोरोना रिटर्न! जानिए 2022 की 10 बड़ी घटनाएं... - 10 major events in India for the year 2022
विदा होता वर्ष 2022 अपने दामन में कई खट्‍टी-मीठी यादें समेटकर जा रहा है। विदाई बेला में कोरोना की आहट सुनाई दी तो कोरोना से बदहाल चीन का खौफ भारत में भी लोगों के चेहरे पर साफ नजर आया। करौली, कानपुर, खरगोन और कुछ अन्य स्थानों पर हुई हिंसा की लपटों ने पूरे देश में 'सौहार्द' को झुलसाया।
 
आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर साबित किया कि भारतीय लोकतंत्र में कुछ तो है, जहां जाति और धर्म से परे कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकता है। जी-20 की अध्यक्षता मिलने की उपलब्‍धि ने दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत का अहसास कराया। ऐसी ही और भी कई घटनाएं हैं, जिनके लिए 2022 को याद किया जाएगा। लेकिन, यहां हम आपको कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में ही बात करेंगे, जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं...
 
1. तवांग में तनातनी : गलवान के बाद चीन ने एक बार फिर अपने गलत इरादे जाहिर किए। 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के यांगत्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हालांकि इस बार भारतीय सैनिक पूरी तरह तैयार थे और उन्होंने चीनियों को करारा जवाब देते हुए बुरी तरह खदेड़ दिया। इस मामले को लेकर संसद में भी जमकर हंगामा ‍हुआ साथ राहुल गांधी के 'सैनिकों के पिटने' संबंधी बयान पर भी भाजपा ने जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा। हालांकि इस पूरे मामले की सबसे अहम बात यह रही की चीन को मुंह की खानी पड़ी। 
 
2. वैश्विक मंच पर दिखी भारत की ताकत : वैश्विक मंच पर भारत की ताकत उस समय दिखाई दी जब 1 दिसंबर, 2022 को  भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली। शक्तिशाली समूह G-20 की अध्यक्षता मिलना साबित करता है कि ‘न्यू इंडिया’ की ताकत को अब पूरी दुनिया समझ रही है। G20 समूह में विश्व के वे विकसित देश शामिल हैं, जिनकी विश्व GDP में करीब 85 प्रतिशत भागीदारी बताई जाती है।
 
3. द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना : द्रौपदी मुर्मू से पहले प्रतिभा पाटिल ही हैं ऐसी महिला थीं जो राष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंची थीं। लेकिन, महामहिम मुर्मू का इस पद तक पहुंचना बहुत ही खास रहा क्योंकि वे आदिवासी समुदाय से आती हैं। आजादी के बाद आज तक कोई भी आदिवासी व्यक्ति इस सर्वोच्च पद तक नहीं पहुंचा। बहुत ही सामान्य परिवार से आने वाली द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 
4. कांग्रेस में बदलाव की बयार : लंबे समय से निष्क्रिय जैसी दिखाई दे रही कांग्रेस में इस साल काफी उत्साह देखने को मिला। 26 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बने। सीताराम केसरी के बाद खड़गे ऐसे पहले नेता हैं, जो गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं। लंबे समय से यह जिम्मेदारी श्रीमती सोनिया गांधी के पास थी। कुछ समय के लिए राहुल गांधी भी अध्यक्ष बने थे।
 
इसी साल राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर अपनी ओर सबका ध्यान खींचा। राहुल ने दिसंबर अंत तक 108 दिनों में 9 राज्यों में करीब 2800 किलोमीटर की दूरी नाप ली। नए साल में यह यात्रा पंजाब होते हुए जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी। इस दौरान राहुल कुल 3750 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का फायदा आगामी वर्ष में होने वाले कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। 
 
5. पंजाब में 'आप' की सरकार और गुजरात में भाजपा की महाविजय : इस वर्ष यूं तो कई राजनीतिक घटनाएं हुईं और चुनाव भी हुए, लेकिन सबसे उल्लेखनीय पंजाब में आम आदमी पार्टी की विजय और गुजरात में भाजपा की महाविजय रही। गुजरात में भाजपा ने न सिर्फ अपनी सत्ता बचाई, बल्कि 156 सीटें जीतकर नया कीर्तिमान रच दिया।
 
हालांकि भाजपा को इस बार एक राज्य का नुकसान भी झेलना पड़ा। हिमाचल में उसकी सत्ता चली गई। एमसीडी पर भी आप ने कब्जा जमा लिया। कांग्रेस ने पंजाब गंवाया, लेकिन हिमाचल हासिल कर लिया। भाजपा ने इसी साल देश के सबसे बड़े राज्य यूपी और गोवा में अपनी सत्ता बरकरार रखी। इस बार आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा फायदे में रही। उसने पंजाब में क्लीन स्वीप करते हुए सरकार बनाई, वहीं एमसीडी में भी भाजपा को 15 साल बाद सत्ता से बेदखल कर दिया। 
 
6. नूपुर शर्मा की टिप्पणी से विवाद : पैगम्बर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की एक टीवी डिबेट के दौरान की गई टिप्पणी पूरे साल विवादों में रही। नूपुर शर्मा को इसके लिए जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। भाजपा ने उन्हें प्रवक्ता पद से हटाने के साथ ही पार्टी से भी निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं नूपुर के बयान का समर्थन करने वाले उदयपुर के कन्हैया लाल टेलर की गला काटकर हत्या कर दी। इसी तरह महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई। इस मामले में साल भर धर्मांधता का खेल चलता रहा। 
hijab
7. हिजाब विवाद : हालांकि यह मामला अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ था। 31 दिसंबर 2021 को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया। लेकिन, 2022 में भी यह मामला लंबे अरसे तक गर्माया रहा। बाद में 5 फरवरी 2022 को कर्नाटक सरकार द्वारा कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया।

कर्नाटक के कुछ कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के बाद कर्नाटक के उच्च न्यायालय में भी दो याचिकाएं दायर की गईं। हाई कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड फॉलो करना होगा। हिजाब पहनने की इजाजत नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट में भी दो जजों की पीठ की अलग-अलग राय थी। अत: यह मामला चीफ जस्टिस के पास भेज दिया गया। 
 
8. रक्षा क्षेत्र में कई उपलब्धियां : इस साल भारत ने रक्षा क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल कीं। भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी पोत 'विक्रांत'  मिला, वहीं भारत ने अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। 5000 से अधिक मारक क्षमता वाली इस मिसाइल की जद में चीन के सभी प्रमुख शहर हैं। इसके साथ ही इस साल से लड़कियों के लिए एनडीए में स्थायी कमीशन की भी शुरुआत हुई। आने वाले समय में लड़कियां सेनाध्यक्ष के पद तक भी पहुंच पाएंगी। 
9. मोरबी पुल हादसा : गुजरात चुनाव से ठीक पहले 30 अक्टूबर को मोरबी नामक शहर में मच्छू नदी पर बने पुल के टूटने से हुए हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय पुल पर 500 से अधिक लोग थे। इस पुल की क्षमता मात्र 125 लोगों की थी। इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही ही सामने आई। 
 
10. महाराष्ट्र और बिहार में सत्ता परिवर्तन : इस साल कई राज्यों में चुनाव हुए और चुनाव के बाद जीतने वाली पार्टी को सत्ता भी मिली, लेकिन महाराष्ट्र और बिहार में बिना चुनाव के ही सत्ता बदल गई। महाराष्ट्र में जहां मुख्‍यमंत्री बदल गया, वहीं बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार रहे, सिर्फ भाजपा को सत्ता से अलग कर दिया गया। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के बड़ी संख्या में विधायक अलग हो गए और उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। सत्ता का यह खेल जिस तरह से चला उद्धव ठाकरे हाथ मलते ही रह गए।
 
इनके अलावा श्रद्धा वालकर हत्याकांड ने लोगों को हिलाकर रख दिया, जब उसके ही लिव इन पार्टनर ने उसकी हत्या कर दी और उसके 35 टुकड़े कर जंगल में फेंक दिए। साल की शुरुआत में वैष्णव मंदिर में हुई भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई। 19 मई 2022 को पंजाब के लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई अग्निवीर स्कीम का भी जमकर विरोध हुआ। इतना ही नहीं 18 नवंबर को भारत ने अंतरिक्ष में नए युग की शुरुआत की। इसरो ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ को लॉन्च किया। इसी साल भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोदी 2 दिवसीय बैठक की मेजबानी का भी मौका मिला। 
ये भी पढ़ें
2022 में आखिरी बार 'मन की बात' करेंगे पीएम मोदी, कोरोना पर कर सकते हैं अपील