तृणमूल सांसदों का दल चुनाव आयोग से मिला, कहा- बंगाल में निष्पक्ष चुनाव 'वास्तविकता से बहुत दूर'
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस के कर्मियों को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव निकाय से मिला। सांसदों ने यह आरोप लगाया कि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव वास्तविकता से बहुत दूर होता जा रहा है।
सौगत रॉय, यशवंत सिन्हा, मोहम्मद नदीमुल हक, प्रतिमा मंडल और महुआ मोइत्रा सहित टीएमसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के कदम को पक्षपातपूर्ण बताया। चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया, यह अब बिलकुल स्पष्ट हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव वास्तविकता से दूर होता जा रहा है। यह भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा राज्य में होने जा रहे चुनाव के संबंध में लिए गए पक्षपातपूर्ण कदम से स्पष्ट है।
उसमें कहा गया, पहले उदाहरण के तौर पर मीडिया में यह बताया गया है कि ईसीआई ने मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस की मौजूदगी की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है और ऐसी जगहों पर केवल केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। यदि यह सही है, तो यह निर्णय असामान्य है और जो पश्चिम बंगाल में पुलिस प्रशासन की प्रतिष्ठा पर गंभीर आक्षेप लगाता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि उचित स्तर पर इसकी पुष्टि की जानी चाहिए। टीएमसी ने कहा कि ईसीआई का निर्णय केवल पश्चिम बंगाल के लिए है, देश के चार अन्य राज्यों के लिए नहीं हैं, जहां उसके साथ चुनाव होने जा रहे हैं। पार्टी ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती कानून-व्यवस्था को संभालने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए होनी चाहिए और न कि राज्य पुलिस के कर्मियों का जानबूझकर अपमान करने के लिए, जिन्होंने विभिन्न सरकारों के अंतर्गत काम किया है।
पार्टी के पत्र में कहा गया है, इसलिए यह उपयुक्त मांग है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों के बीच उचित समन्वय होना चाहिए और राज्य और केंद्रीय पुलिस बल दोनों के संयुक्त समूहों को मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में तैनात किया जाना चाहिए।
उसमें कहा गया, हम आपसे मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर केवल केंद्रीय बलों को तैनात करने के अपने निर्णय को वापस लेने का आग्रह करते हैं। इसके अलावा, मतदाताओं को यह आश्वस्त करने के लिए कि उनकी पसंद को इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक दोनों रूप से दर्ज किया गया है, हम मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम के साथ 100 प्रतिशत वीवीपीएटी मशीनों के पर्ची के मिलान की हमारी मांग को दोहराते हैं।(भाषा)