• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. Why akhilesh yadav did not meet crane in kanpur
Written By
Last Updated : बुधवार, 29 मार्च 2023 (16:28 IST)

आरिफ के सारस से क्यों नहीं मिल सके अखिलेश यादव...

आरिफ के सारस से क्यों नहीं मिल सके अखिलेश यादव... - Why akhilesh yadav did not meet crane in kanpur
कानपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव अमेठी जिले में आरिफ नाम के एक व्यक्ति के पास से लाए गए एक सारस से मिलने के लिए कानपुर चिड़ियाघर पहुंचे लेकिन इस परिंदे को पृथक वास में रखे जाने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
 
कानपुर चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि यादव मंगलवार को सारस से मिलने के लिए कानपुर चिड़ियाघर आए थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि इस वक्त सारस को पृथक वास में रखा गया है। इस दौरान यादव के साथ सारस का दोस्त आरिफ भी मौजूद था। हालांकि दोनों की सारस से मुलाकात नहीं हो पाई, मगर दोनों ने सीसीटीवी स्क्रीन पर सारस को देखा और वहां करीब एक घंटा बिताया।
 
वरिष्ठ वन अधिकारी ने यादव को बताया कि डॉक्टरों की एक टीम सारस के स्वास्थ्य पर कड़ी नजर रख रही है और उसका इलाज शुरू कर दिया गया है।

अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि उप्र की भावना प्रधान जनता की भाजपा सरकार से अपेक्षा है कि ‘राज्य पक्षी सारस’ को राजनीतिक विद्वेष की प्रताड़ना के बंधन से मुक्त करके प्राकृतिक वातावरण में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि सारस को बचानेवाले को ‘सारस-मित्र’ के रूप में सम्मानित किया जाए। सरकार चाहे तो इसके लिए जनमत करवाकर देख ले।
 
गौरतलब है कि अमेठी जिले के निवासी आरिफ को पिछले साल खेत में यह सारस घायल हालत में मिला था। उसने उसका इलाज किया था। सारस आरिफ से इस कदर घुल मिल गया था कि वह उसके साथ ही रहने लगा था।
 
यादव पिछली पांच मार्च को आरिफ और सारस से मिलने के लिए अमेठी गए थे। इसके बाद वन विभाग ने हाल में सारस को उसके प्राकृतिक वातावरण में रखने के लिए उसे आरिफ के यहां से हटाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार भेज दिया था जहां से उसे कानपुर चिड़ियाघर स्थानांतरित कर दिया गया है। वहां सारस को 15 दिन के लिए पृथक वास में रखा गया है।
 
वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और उसे पेश होकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। यादव को उम्मीद है कि सरकार आरिफ के खिलाफ मामला बंद कर देगी और उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाएगी क्योंकि उसने एक घायल पक्षी को बचाया था।