मानवता की मिसाल : दरोगा की दरियादिली से पैरों पर खड़ी हो गई दिव्यांग...
कानपुर देहात। उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात में लगातार कुछ दिनों से राजपुर व देवराहट थाने के पुलिसकर्मियों के कारनामों को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई थी। लेकिन आज कानपुर देहात पुलिस ने एक ऐसा काम किया है जिसे सुनने के बाद सभी कानपुर देहात पुलिस की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि कानपुर देहात पुलिस के चौकी इंचार्ज ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांग युवती का उपचार कराने के बाद दिव्यांगों उसके पैरों पर खड़ा कर दिया है। चौकी इंचार्ज के इस कार्य की तारीफ जिले में हर एक व्यक्ति करता हुआ नजर आ रहा है और वहीं दिव्यांग युवती ने चौकी इंचार्ज को भगवान का दर्जा दे दिया है।
3 साल बाद खड़ी हुई पैरों पर : कानपुर देहात के थाना रूरा के सिठमरा चौकी के अंतर्गत सिठमरा कस्बे में रहने वाली प्रतिमा के पिता की मौत बीमारी के चलते हो गई थी। इसके बाद भाई की मौत नहर में डूब जाने से हो गई। इन दोनों घटनाओं का दु:ख अभी कम भी न हुआ था और वर्ष 2018 में खुद प्रतिमा ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवा चुकी थी। अब घर में सिर्फ 70 वर्षीय बूढ़ी मां और प्रतिमा बची है। सवाल यह कि आखिर दिव्यांग प्रतिमा कैसे अपने परिवार का खर्च चलाती? कैसे अपनी मां की देखभाल करती?
अपनी जेब से 12 हजार रुपए खर्च किए : समय बीता। सिठमरा चौकी में राकेश सिंह बतौर चौकी इंचार्ज पोस्ट किए गए। किसी माध्यम से राकेश सिंह को प्रतिमा के हालातों की जानकारी हुई तो उन्होंने भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) से संपर्क किया। अपनी जेब से 12 हजार रुपए खर्च किए और 2 दिन पहले प्रतिमा के लिए कृत्रिम पैर तैयार करवाकर लगवाया। इससे आज प्रतिमा अपने पैरों पर खड़ी है और सिठमरा चौकी इंचार्ज राकेश सिंह की तारीफ करते नहीं थकती हैं।
भगवान का दर्जा दिया : प्रतिमा ने कहा कि चौकी इंचार्ज राकेश सिंह उनके लिए भगवान बनकर आए थे उन्हें जैसे ही मेरे घर की हालात की जानकारी हुई, उन्होंने मुझसे संपर्क किया और मुझे भरोसा दिलाया कि वे पूरी मदद करेंगे जिसके चलते आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं। आप के माध्यम से मैं चौकी इंचार्ज राकेश सिंह का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने मेरे जीवन में खुशियां भर दी हैं।