Kasganj : पुलिस हिरासत में मौत पर सियासी बवाल, प्रियंका गांधी कर सकती है आज दौरा, जानिए पूरा मामला
कासगंज में अल्ताफ अहमद (Altaf Ahmad) की हिरासत में मौत का मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। विपक्षी दल मामले को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तरप्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में मानवाधिकार नाम की कोई चीज नहीं बची है तथा वहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। खबरों के मुताबिक प्रियंका गांधी आज कासगंज जा सकती हैं।
नहीं बची मानवाधिकार नाम की चीज : राहुल गांधी ने ट्वीट किया, क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज बची है? कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर आरोप लगाया, कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस हिरासत में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक, भक्षक बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
क्या है पूरा मामला : मृतक अल्ताफ कासगंज कोतवाली क्षेत्र के सैय्यद अहरौली का रहने वाला था। उसे आईपीसी की धारा 363,366 के तहत एक नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में पुलिस पूछताछ के लिए कोतवाली में लाई थी।
अल्ताफ के परिजन अल्ताफ के आत्महत्या करने के पुलिस के दावे को नकार रहे हैं। 22 साल के अल्ताफ अहमद के पिता ने पुलिस पर उनके बेटे को मारने का आरोप लगाया है। अल्ताफ के पिता चाहत मियां के मुताबिक वे खुद अपने बेटे को पुलिस चौकी में छोड़कर आए थे, तब पुलिस ने भरोसा दिया था कि वह पूछताछ करके छोड़ देंगे मगर अब उसकी हत्या कर दी गई है।
पुलिस का क्या कहना है : कासगंज के एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे कहना है कि आरोपी हवालात के टॉयलेट में गया था। जब बहुत देर तक बाहर नही निकला तो देखा गया कि उसने अपनी जैकेट के हुड़ की डोरी से नल में फांसी लगा ली थी। आनन-फानन में उसे कासगंज जिला अस्पताल ले जाया गया जहां 20 मिनट बाद उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।