कानपुर देहात में भगवान श्रीकृष्ण की अनोखी कहानी, 22 साल से मालखाने में कैद हैं नंदलाल
Nandlal is imprisoned : भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में अपने माता-पिता को कंस मामा की कैद से आजाद करवाया था, लेकिन कलयुग में कानपुर देहात के थाना शिवली के मालखाने में भगवान श्रीकृष्ण 22 वर्षों से कैद हैं। कानूनी दांवपेच के चलते अभी तक भगवान श्रीकृष्ण की रिहाई का फरमान कोर्ट से नहीं आ सका है।
हर साल मूर्तियों को बाहर लाया जाता है : पिछले 22 सालों से हर जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के साथ भगवान के बड़े भाई बलराम और देवी राधाजी की मूर्तियों को बाहर लाया जाता है और पुलिसकर्मी हर साल मूर्तियों को बाहर निकालकर उन्हें स्नान करवाते हैं और नए कपड़े पहनाते हैं। उसके बाद विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं और फिर ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिसकर्मी बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाते हैं।
अष्टधातु की 4 बड़ी मूर्तियां चोरी हुई थीं : पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिवली कस्बे में प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर है। 12 मार्च 2002 को देर रात भगवान श्रीकृष्ण, देवी राधा और बलराम की अष्टधातु की 4 बड़ी मूर्तियां चोरी हुई थीं। मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर के संरक्षक ने शिवली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने 1 सप्ताह में ही चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था।
22 साल बाद भी भगवान मालखाने से 'मुक्त' नहीं हुए : लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते भगवान श्रीकृष्ण, देवी राधा और बलराम की अष्टधातु की इमूर्तियों को थाना शिवली के मालखाने में सुरक्षित रखना पड़ा और कानूनी प्रक्रिया के चलते 22 साल बीत गए लेकिन भगवान श्रीकृष्ण को मालखाने से रिहाई नहीं मिल सकी।
थाना प्रभारी ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के चलते मंदिर में मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जा सका है। लेकिन ग्रामीणों व पुलिसकर्मियों द्वारा प्रतिवर्ष जन्माष्टमी पर मूर्तियों को मालखाने से निकलवा कर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव विधि विधान के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Edited by: Ravindra Gupta