काशी के घाटों पर लगे विवादित पोस्टर, 'प्रवेश प्रतिबंधित- गैर हिन्दू'
वाराणसी। जैसे-जैसे उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों का अल्पसंख्यक विरोधी अभियान तेज तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में दो दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों- विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कथित सदस्य उत्तरप्रदेश में वाराणसी के गंगा घाटों के चारों ओर एक खास तरह के पोस्टर लगा रहे हैं जिसमें गैर-हिन्दुओं को इन घाटों पर न जाने की चेतावनी दी गई है। इन पोस्टरों पर बड़े अक्षरों में लिखा है, 'प्रवेश प्रतिबंधित- गैर हिन्दू'। इस मामले में विहिप और बजरंग दल ने कहा है कि वे पोस्टर हमने नहीं लगवाए हैं।
इसके अलावा लिखा गया है, 'मां गंगा, काशी के घाट और मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं जिनकी आस्था सनातन धर्म में हो, उनका स्वागत है अन्यथा यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट नहीं है।' इन संगठनों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्टरों को लगाते हुए अपनी तस्वीरें भी साझा कीं।
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। इन पोस्टरों को शहर भर के विभिन्न घाटों पर देखा जा सकता है जिसमें पंचगंगा घाट, राम घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट आदि शामिल हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर ऐसे अभियानों को लेकर न केवल आंखें मूंद लेने, बल्कि सक्रिय रूप से इसका समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। वहीं विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि इस तरह के विवादित पोस्टरों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
वाराणसी के एसपी राजेश कुमार पांडेय ने कहा है हम उन लोगों का पता लगा रहे हैं जिन्होंने ये पोस्टर लगाए हैं। वाराणसी के ही डीआईजी कार्यालय के एक स्टाफ सदस्य ने कहा कि विवादित पोस्टरों की जानकारी शीर्ष अधिकारियों को दे दी गई है। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया है। जांच के बाद जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।(फ़ाइल चित्र)