• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. A flood of faith was seen on the banks of Sangam on Maghi Purnima
Last Updated : शनिवार, 24 फ़रवरी 2024 (12:17 IST)

माघ पूर्णिमा पर संगम तट पर आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने किया पर्व स्नान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीं शुभ कामनाएं

माघ पूर्णिमा पर संगम तट पर आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने किया पर्व स्नान - A flood of faith was seen on the banks of Sangam on Maghi Purnima
Maghi Purnima Festival Bath Prayagraj: माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) का 5वां प्रमुख स्नान पर्व माघ पूर्णिमा आज है। इस मौके पर भोर सुबह से ही प्रयागराज (Prayagraj) में संगम (Sangam) के तट पर आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। हजारों की संख्या में संगम के तट पर श्रद्धालु स्नान (Snan) करने के लिए पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन का अनुमान है कि कम से काम 30 से 35 लाख श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचेंगे जिसके चलते जिला प्रशासन भी अलर्ट है।

 
तैयार किए गए हैं 12 घाट : जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसलिए स्नान के लिए 12 घाट तैयार किए गए हैं। घाटों पर सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का भी इंतजाम किया गया है। घाटों पर पुआल आदि का प्रबंध कर दिया गया है। प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानंद प्रसाद ने बताया कि सभी बंदोबस्त मौनी अमावस्या जैसे ही किए गए हैं। किसी भी प्रकार से श्रद्धालुओं को स्नान करने में समस्या नहीं होगी।

 
मुख्यमंत्री ने दीं शुभकामनाएं : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि पावन पर्व 'माघ पूर्णिमा' की सभी श्रद्धालुओं और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! 'तीर्थराज' प्रयाग में संगम-स्नान हेतु देश-विदेश से पधारे पूज्य संत-महात्माओं, श्रद्धालुओं एवं कल्पवासियों का हार्दिक अभिनंदन!

 
क्या है इस स्नान का महत्व? : मान्यता है कि माघी पूर्णिमा पर देवता भी रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयाग आते हैं इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व धर्मग्रंथों में बताया गया है। जो श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग में 1 मास तक कल्पवास करते हैं, माघी पूर्णिमा पर उनके व्रत का समापन होता है। सभी कल्पवासी माघी पूर्णिमा पर माता गंगा की आरती-पूजन करके साधु-संन्यासियों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। बची हुई सामग्री का दान कर देवी गंगा से फिर बुलाने का निवेदन कर अपने घर जाते हैं। कहते हैं कि माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करने से रोग दूर होते हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
अमीर मंदिरों पर नहीं लगेगा टैक्स, BJP-JDS के विरोध से कर्नाटक विधान परिषद में अटका विधेयक