मथुरा में मंगला आरती में 2 भक्तों की मौत, हादसे का जिम्मेदार कौन?
मथुरा। कान्हा की भक्ति में लीन श्रृद्धालु श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में मथुरा पहुंचे। शुक्रवार रात बाल गोपाल कृष्ण का अवतरण हुआ, जन्म उत्सव के बाद बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती हो रही थी। इस मंगला आरती में कान्हा का भक्त अपने आराध्य के दर्शन को आतुर दिखाई दिया, जिसके चलते मंदिर परिसर में अपार संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई, लोगों को सफोकेशन के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
मंगला आरती में शामिल भक्त बेहोश हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में एक महिला और एक पुरूष है, जबकि चार लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना के बाद सवाल उठ रहा है कि हादसे का जिम्मेदार कौन है?
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में कान्हा के दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़ के कारण मंदिर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी, मंदिर में व्यवस्था फैल गई। बीती रात 1.55 बजे बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती हो रही थी, यह आरती वर्ष में एक बार होती है, जिसके चलते दूर-दराज से श्रृद्धालु शामिल होने के लिए आते हैं।
कोरोना के चलते विगत दो सालों में भक्त इस आरती में शामिल नहीं हो पा रहे थे। जिसके चलते बड़ी संख्या में कान्हा के भक्त मंदिर परिसर में पहुंचे, इस दौरान भीड़ का दबाव अचानक बढ़ गया और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी दम घुटने लगा। मंदिर में अव्यवस्था फैलने से वहां अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मंदिर परिसर में चार द्वार है। नंबर 1 और नंबर 4 द्वार से भक्त मंदिर परिसर से बाहर आ रहे थे, जबकि गेट नंबर 2 और 3 से भक्त मंदिर में प्रवेश पा रहे थे। अचानक ने गेट नंबर 4 पर एक व्यक्ति दम घुटने के कारण बेहोश हो गया, पुलिस सुरक्षा में तैनात लोगों ने उसे बाहर निकालने का जतन किया, तब तक उसकी हालत बिगड़ गई। इसी बीच अन्य लोग बेहोश होने लगे, भीड़ में उन्हें बाहर निकालने में समय लग रहा था, मंदिर के ऊपरी भाग से बाहर निकलने के लिए भक्त आतुर हो गये, जिससे अव्यवस्था हावी हो गई।
इस दौरान नोएडा की रहने वाली निर्मला देवी और 65 वर्षीय राम प्रसाद विश्वकर्मा की मौत हो गई, मृतक रामप्रसाद मूल रूप से जबलपुर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। बेहोश होने वाले अन्य भक्तों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।